
अजमेर। (वार्ता) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध अजमेर के निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा शिक्षा के नाम पर मनमानी फीस वसूलने के साथ किताबों, गणवेश एवं स्टेशनरी के नाम पर अभिभावकों से पैसा ऐंठने के विरोध में शहर कांग्रेस कमेटी बोर्ड के खिलाफ जन आंदोलन चलाएगी।
शहर अध्यक्ष विजय जैन ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कि एनसीईआरटी की पुस्तकों के मुकाबले निजी प्रकाशकों की किताबें 80 फीसदी महंगी होती है। साथ ही निजी स्कूलों की फीसें भी बहुत ज्यादा है। राजस्थान के अलावा दूसरे प्रदेशों में प्राइमरी, सैकंडरी और हाईर सैकंडरी स्कूलों के लिए फीस की सीमा तय कर दी गई है। इसके मुताबिक कोई भी प्राइमरी स्कूल सालाना 15 हजार रुपए, सैकंडरी स्कूल बीस हजार रुपए और हाईर सैकंडरी स्कूल 22 हजार रुपए से ज्यादा फीस नहीं वसूल सकते।
उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने निजी स्कूलों के सामने घुटने टेक रखे है और अप्रत्यक्ष तौर पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण अभिभावकों पर स्कूल बेवजह वित्तीय भार बढ़ाता रहता है। शहर कांग्रेस शिक्षा से जुड़ी मूलभूत समस्याओं को लेकर शीघ्र ही अजमेर स्थित केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को घेरेगी। उन्होंने कहा कि शुरू हुए नए शिक्षा सत्र में मिशनरी स्कूलों ने पंद्रह फीसदी फीसों में बढ़ोत्तरी कर अभिभावकों के समक्ष संकट खड़ा कर दिया है।