
आक्रोश : जनसुनवाई में आपा खो बैठे सेवानिवृत मास्साब
बिजयनगर नगर पालिका में सबकुछ हो रहा है पर लोगों के काम नहीं हो रहे। छह वर्ष पूर्व आवेदन और पांच वर्ष पूर्व राशि जमा कराने के बावजूद पट्टे के लिए चक्कर कटवाना पालिका की कार्यप्रणाली को उजागर करता है। सवाल यह है कि जनसुनवाई में सेवानिवृत अध्यापक का गुस्सा जायज है तो फिर कुसूर किसका है?
बिजयनगर। मसूदा विधायक सुशीलकंवर पलाड़ा की सदारत में सोमवार को नगर पालिका परिसर में जनसुनवाई हुई। इसमें उपखंड अधिकारी सुरेश चावला व तहसीलदार प्रभात त्रिपाठी, पालिकाध्यक्ष सचिन सांखला व अधिशासी अधिकारी कमलेश कुमार मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर विभिन्न समस्याओं की फरियाद लेकर पहुंचे लोगों की कई समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया गया तो कई लोग दोनों हाथों से निस्तारण होने का ‘आश्वासन का मुलम्मा’ लेकर लौट गए।
इस दौरान उस समय अजीबो-गरीब स्थिति हो गई जब पट्टे के लिए पांच वर्ष पूर्व 2013 में नगरपालिका को सवा लाख रुपए जमा करा देने के बावजूद अब तक पट्टा नहीं मिलने से गुस्साए एक सेवानिवृत्त अध्यापक अपना आपा खो बैठे और अच्छा-खासा हंगामा खड़ा कर दिया।
डिस्कॉम की शिकायत शिविर में राजीव कॉलोनी के कुछ लोगों ने अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से संबंधित शिकायतों को लेकर विधायक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि क्षेत्र के कई घरों के ऊपर से निगम की 11000 वोल्ट की लाईन गुजर रही है। इससे लोगों को जान का खतरा बना हुआ है। पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं तथा बारिश के दिनों में घरों में करंट प्रवाहित होने का खतरा बना रहता है।
नपा कर्मचारियों व अधिकारियों पर आरोपों की बौछार
सेवानिवृत अध्यापक ने पट्टा नहीं मिलने पर नगर पालिका के कर्मचारियों व अधिकारियों पर आरोपों की बौछार कर दी। उनका पारा इतना चढ़ गया कि वो किसी की बात सुनने को तैयार ही नहीं थे। बाद में जैसे-तैसे समाजसेवी भंवरसिंह पलाड़ा, उपखण्ड अधिकारी सुरेश चावला व थानाधिकारी भवानीसिंह ने अध्यापक को शांत होकर अपनी बात रखने के लिए समझाइश की।
तब कहीं जाकर उन्होंने अधिकारियों व विधायक पलाड़ा को अपना दु:खड़ा सुनाते हुए कहा कि वर्ष 2012 में उन्होंने नगर पालिका में आयोजित प्रशासन शहरों के संग शिविर में पट्टे के लिए 2012 में आवेदन किया और उसके बाद मई 2013 में 1 लाख 19 हजार 677 की राशि जमा करवा दी। लेकिन, नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के टालमटोल रवैये के कारण उनकी चप्पलें घिस गई लेकिन पट्टा नहीं मिला। विधायक पलाड़ा ने अधिशासी अधिकारी की ओर मुखातिब होते हुए त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
पेयजल समस्या का मुद्दा छाया
कार्यक्रम में पेयजल का मुद्दा छाया रहा जहां एक ओर कांग्रेस के पार्षद भवानीशंकर राव व श्रीमती संजू शर्मा ने अपने-अपने वार्डो में कई स्थानों पर पाईप लाईन नहीं होने व पानी के समय पर नही आने सहित सार्वजनिक नल नहीं होने की समस्या से विधायक पलाड़ा को अवगत कराया। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका प्रशासन और जलदाय विभाग के अधिकारियों में समस्या के निस्तारण को लेकर मत भिन्नता उजागर हुई।
पालिकाध्यक्ष सचिन सांखला ने विधायक पलाड़ा को बताया कि नगर पालिका के जिन क्षेत्रों में पाईप लाईन नही है वहां नगर पालिका की ओर से सड़क निर्माण का कार्य भी प्रस्तावित है ऐसे में निर्माण के समय होने वाली खुदाई के दौरान सम्बंधित क्षेत्र में पाईप लाईन बिछा दी जायेगी। इस पर जलदाय विभाग के अभियंता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इसके लिए पहले नगरपालिका को निर्धारित राशि जमा करानी होगी। इस मुद्दे पर विधायक पलाड़ा विस्तृत विचार विमर्श कर दोनों विभागों से ठोस नतीजे पर पहँुचने और शीध्र कार्यवाही के निर्देश दिए।
सब्र तो टूटना ही था
बिजयनगर नगर पालिका की कार्यप्रणाली को खारीतट संदेश समय-समय पर पुख्ता सबूत के साथ उजागर करता रहा है। खारीतट संदेश ने पट्टे को लेकर बरती जा रही कोताही को लेकर ‘तुम मुझे दुकान दो, मैं तुम्हें पट्टा बनवा दूंगा’ शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बावजूद नगर पालिका कर्मचारियों की न तो कार्यप्रणाली बदली और न ही उनकी नीयत। मास्साब जैसे सैकड़ों लोग पट्टे के लिए चक्कर काट रहे हैं। विभिन्न वार्डों में गंदगी से लेकर अतिक्रमण की समस्याएं व्याप्त हैं, लेकिन कहीं कोई सुनने वाला नहीं। आखिर मस्साब का सब्र टूट गया। सब्र तो टूटना ही था।