
क्षेत्र के होनहारों ने देश ही नहीं विदेशों तक में अपना परचम लहराया। दिल्ली में पढ़ाई कर रही शिवांगी ने गुडग़ांव में आयोजित नेशनल शूटिंग में रजत पदक जीतकर तथा इंडोनेशिया में आयोजित वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में रामपुरा-आगूंचा निवासी गणेश अहीर ने दो स्वर्ण पदक झटक कर क्षेत्र का नाम रौशन किया। शिवांगी कानावत यह खिताब जीतने वाली राज्य की एकमात्र महिला निशानेबाज हैं।
गुलाबपुरा. नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से गुडग़ांव में आयोजित 61वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप 300 मीटर (राइफल थ्री पोजिशन) के जूनियर महिला वर्ग में शिवांगी कानावत ने रजत जीता। यह खिताब जीतने वाली वे राज्य की एकमात्र महिला निशानेबाज हैं।
संसाधनों की कमी-शिवांगी
प्रश्न: आपको खिताब जीतने पर खारीतट सन्देश परिवार की ओर से हार्दिक बधाई?
उत्तर- बहुत- बहुत धन्यवाद।
प्रश्न: आप दिल्ली में पढ़ाई करती हैं, निशानेबाजी के लिए आप कब समय निकालती हैं?
उत्तर- मेरा दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में प्रवेश स्पोर्ट कोटे से ही हुआ है। हमें सेमेस्टर में ही परीक्षा देने के लिए कक्षा कक्षों में रहना होता है बाकी समय कॉलेज टाइम में हमें खेल मैदान में तैयारी करनी होती है।
प्रश्न: आप प्रतिदिन कितने घंटे प्रैक्टिस करती हैं?
उत्तर- कॉलेज में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रतिदिन प्रैक्टिस करती हूं।
प्रश्न: निशानेबाजी के लिए आपको प्रेरणा कहां से मिली?
उत्तर- मैं कक्षा 6 में हुरड़ा की वीकेवी स्कूल में पढ़ती थी। तब वहां शूटिंग प्रतियोगिता विद्यालय स्तर की होती थी। स्कूल के बाद भी पिताजी ने अपने स्तर पर मुझे प्रैक्टिस करने में पूरी मदद की। स्कूल में कक्षा 11 के बाद खेलकूद पर ज्यादा समय नहीं दिया जाता था। इसलिए मैंने कक्षा 11 में जिंक स्कूल में प्रवेश लिया, जहां मुझे प्रिंसीपल मेम का पूरा सपोर्ट मिला। मैंने अपनी प्रैक्टिस नियमित रखी।
प्रश्न: यह खिताब जीतने वाली आप राज्य की एकमात्र महिला निशानेबाज हैं। इस उपलब्धि पर आप क्या कहेंगी?
उत्तर- मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं था कि मुझे यह खिताब मिलेगा। क्योंकि इस गेम्स में कहीं न कहीं रिस्क हैं, और दूसरा यह गेम बहुत ही खर्चीला है। प्री नेशनल में मैंने 300 में से 253 पोइंट हासिल किए थे।
उम्मीद से कम पोइंट मिलने पर पापा ने हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अच्छी तैयारी करो, गोल्ड मेडल अवश्य मिलेगा। जब मैं नेशनल की तैयारी कर रही थी तब राजस्थान पुलिस में ओमप्रकाशजी चौधरी सर ने मेरी खूब मदद की। प्रैक्टिस के लिए उन्होंने अपनी नई वेपन दी।
प्रश्न: निशानेबाजी में अब आपका लक्ष्य कौनसा खिताब हैं?
उत्तर. स्टेट लेवल पर अभी मेरी सेकण्ड रेंक है। अब मेरा ओलम्पिक क्वालीफाई करना मेरा लक्ष्य है।
प्रश्न: निशानेबाजी में नए खिलाडिय़ों से आप क्या कहना चाहेंगी?
उत्तर- यह गेम्स बहुत ही खर्चीला है। इस गेम में संसाधन के अभाव में कई लोग रुक जाते हैं। क्योंकि संसाधनों के जुटाने में कहीं न कहीं असफल जरूर हो जाते हैं। जिससे वे अपनी प्रैक्टिस पूरी नहीं कर पाते हैं। सरकार को चाहिए कि वे निशानेबाज खिलाडिय़ों के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए। राजस्थान में निशानेबाज खिलाडिय़ों में काफी टेलेंट है लेकिन उन्हें संसाधनों के अभाव में आगे बढऩे का मौका नही मिल पाता हैं।
बिजयनगर. निकटवर्ती रामपुरा-आगूँचा कस्बे के निवासी गणेश अहीर ने वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक झटके। इंडोनेशिया में छह देशों के बीच आयोजित 105 किलो स्टेंरथ लिफ्टिंग प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दो गोल्ड मेडल जीते।
आत्मविश्वास जरूरी-गणेश
प्रश्न: सबसे पहले आप को खारीतट सन्देश की तरफ से बधाई।
उत्तर- बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।
प्रश्न: इंडोनेशिया में आयोजित 105 किलो स्टेंथ वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में आपने दो गोल्ड मेडल जीते विदेश में आयोजित प्रतियोगिता में आपने क्या अनुभव किया?
उत्तर- मैं इस प्रतियोगिता के लिए पिछले दो वर्षों से तैयारी कर रहा था। यह प्रतियोगिता इंटरनेशनल लेवल पर बहुत ज्यादा टफ है। अब मुझे एशियाड में हिस्सा लेने के लिए पहले से भी ज्यादा तैयारी करनी होगी।
प्रश्न: आप कितने घंटे प्रतिदिन प्रैटिक्स करते हैं?
उत्तर- वेट लिफ्टिंग मैं पिछले 8 वर्षों से लगातार जुड़ा हुआ हूं। इस दरमियान मैं तीन बार नेशनल खेल चुका हूं। वर्ष 2017 में नेशनल क्वालीफाइड करने के बाद मुझे 2018 के इंडोनेशिया में हिस्सा लेने का मौका मिला। मैं रोजाना तीन घंटे प्रैक्टिस करता हूं, कभी-कभी सप्ताह में 5 घंटे भी हो जाते हैं।
प्रश्न: वेट लिफ्टिंग में अब आपका लक्ष्य कौन सा खिताब हैं?
उत्तर- फिर से एशियाड़ में गोल्ड लाना है। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं। मेरी 2 गोल्ड मेडल की सफलता अर्जित करने बाद 2-3 खिलाड़ी मेरे साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं। उन्हें आगे बढऩे के लिए मैं उनको मोटिवेट भी कर रहा हूं। इसके अलावा बॉक्सिंग में राजस्थान की तरफ से खेलते हुए नेशनल लेवल पर गोल्ड लेना चाहता हूं। इसके लिए भी मेहनत कर रहा हूं।
प्रश्न: आप जिम भी चलाते है जिसमें आने वाले युवकों को क्या संदेश देंगे?
उत्तर- युवाओं को अपने फिटनेस के साथ पढ़ाई भी करनी चाहिए। किसी न किसी खेल से जुड़े रहना चाहिए। आधुनिक तकनीक से जो न्यूट्रिशन विदेशों में है वह यहां नहीं है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हम पिछड़ जाते हैं। जिम पर आने वाले खिलाडिय़ों को मैं अत्याधुनिक तकनीकें समझाता हूं और न्यूट्रिशन के बारे में गाइड करता हूं। यदि उनमें से जो भी अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगा उसको हरसंभव मदद करूंगा। अंत में युवाओं से कहना चाहूंगा कि सफलता का रास्ता बहुत कठिन है। धैर्य व आत्मविश्वास के साथ निरन्तर प्रयास करने से सफलता अवश्य मिलेगी। कॉलेज के दिनों में शारीरिक शिक्षक विवेकजी भारद्वाज सर ने मुझे प्रोपर गाइड किया। उन्ही की बदौलत मैं आज इस मुकाम पर हूं। समय-समय पर प्राज्ञ कॉलेज के एसआर सिंह सर ने मुझे मोटिवेट किया।