
नई दिल्ली। (वार्ता) उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश में आंधी- तूफान के कहर से जान-माल की भारी क्षति हुई है। इस प्राकृतिक आपदा में सौ से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई जबकि ढाई सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कल देर शाम तेज आंधी के बाद आए तूफान ने उत्तर प्रदेश के आगरा और राजस्थान के भरतपुर में जान-माल की भारी तबाही मचाई। उत्तर प्रदेश में कुल 67 लोगों की मरने की खबर है जिसमें से आगरा में ही कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई। राजस्थान में 33 लोगों की मौत हुई है जिसमें से 17 लोगों ने भरतपुर में ही इस प्राकृतिक आपदा से असमय जान गवाई है।
धूल भरी आंधी के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 132 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आए तूफान से मात्र 15 मिनट में सैकड़ों पेड़ जमींदोज हो गए। बड़ी संख्या में पशु मारे गए और तेज हवाओं के चलते जगह-जगह बिजले के खम्भे गिर गए। मकानों से टीन की चादरें उड़कर बहुत दूर जा जाकर गिरीं तथा दर्जनो कच्चे -पक्के मकान भी घ्वस्त हो गए। सैकडों एकड़ जमीन पर गेंहू की फसल बर्बाद हो गई। जगह-जगह आम के बागों में पेड़ के गिरने से इसकी फसल को भी काफी नुकसान हुआ है।
इस प्राकृतिक आपदा का उत्तर प्रदेश के 19 जिलों पर व्यापक असर दिखा है। अधिकारियों के अनुसार राज्य में इस प्राकृतिक आपदा में मृतकों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है। बवंडर के चलते 54 से ज्यादा गंभीर रूप से घायलों को अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जयपुर से प्राप्त समाचार के अनुसार कर राज्य में इस बवंडर से 33 लोगों की मौत हो गई तथा दो सौ अधिक लोग घायल हो गए। राज्य के आपदा एवं राहत मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि सबसे अधिक 17 लोगों की भरतपुर में , नौ की अलवर तथा सात लोगों की धौलपुर में मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि धौलपुर में उत्तर प्रदेश के दो लोगों की और आगरा में राजस्थान के दो लोगों की मौत हुई है।
मध्य प्रदेश के सतना जिले में तेज हवाओं के चलते दो लोगों की मृत्यु हो गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान से मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीध्र स्वस्थ होनों की कामना की है। श्री मोदी ने अधिकारियों को राज्यों के साथ समन्वय बनाकर राहत एवं बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने आज संबधित जिला प्रशासन को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों की सहायता करने और मृतकों के आश्रितों को आर्थिक मदद देने के निर्देश दिये हैं।