जीएसटी में कारोबारियों को बड़ी राहत

  • Devendra
  • 10/11/2017
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गुवाहाटी (वार्ता) कारोबारियों और उद्यमियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़ी राहत देते हुये जीएसटी परिषद् ने आज कंपोजिशन योजना की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने और कर तय करने के लिए सिर्फ कर योग्य उत्पादों के कारोबार की गणना करने का निर्णय किया है।
जीएसटी परिषद के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज यहां हुयी परिषद की 23वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये। चालू वित्त वर्ष में कारोबारियों को सिर्फ जीएसटीआर-1 भरना होगा। साथ ही कंपोजिशन योजना के तहत विनिर्माताओं पर कर की दर दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।
श्री जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी रिटर्न पर विलंब शुल्क 90 प्रतिशत तक घटा दिया गया है। शून्य रिटर्न भरने वाले कारोबारियों के लिए विलंब शुल्क 200 रुपये से घटाकर 20 रुपये प्रति दिन और इनके अलावा सभी कारोबारियों के लिए 200 रुपये से घटाकर 50 रुपये प्रति दिन कर दिया है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष में डेढ़ करोड़ रुपये तक के कारोबारियों को सिर्फ हर तिमाही एक जीएसटीआर-1 फॉर्म भरना होगा। जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए रिटर्न भरने की सीमा 31 दिसंबर, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 15 फरवरी 2018 और जनवरी-मार्च तिमाही के लिए 30 अप्रैल 2018 तय की गई है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वालों को जुलाई-अक्टूबर की तिमाही के लिए 31 दिसंबर तक रिटर्न भरना होगा। नवंबर माह के लिए 10 जनवरी, दिसंबर के लिए 10 फरवरी, अगले साल जनवरी के लिए 10 मार्च, फरवरी के लिए 10 अप्रैल और मार्च के लिए 10 मई तक यह फॉर्म भरना होगा। उन्होंने कहा कि जो करदाता कर के साथ जीएसटीआर-3बी फॉर्म भरेंगे उन्हें मार्च 2018 तक हर महीने की 20 तारीख तक यह फॉर्म भरना होगा। जीएसटीआर-2 और तीन फॉर्म भरने की समयावधि अधिकारियों की समिति तय करेगी।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि बड़े पैमाने पर करदाता निर्धारित समय पर जीएसटीआर 3बी फॉर्म नहीं भर पा रहें हैं। इसके मद्देनजर जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने के लिए विलंब शुल्क माफ कर दिया गया है। जो करदाता विलंब शुल्क का भुगतान कर चुके हैं उन्हें रिफंड मिल जायेगा।
श्री अधिया ने कहा कि नेपाल और भूटान में निर्यात को जीएसटी से छूट मिली हुयी और अब इस निर्यात पर इनपुट टैक्स क्रेडिट देने का निर्णय लिया गया है।

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