
बिजयनगर। 36 साल बाद एक साथ मई का यह महीना इस वर्ष विशेष संयोग बन कर आया है। जहां पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) 16 मई से प्रारंभ हुआ है तो रमजान का पाक महीना भी 17 मई से शुरू होगा। दोनों समुदायों का यह विशेष धार्मिक महत्व वाला महीना 36 वर्ष बाद आया है। जहां एक ओर पुरुषोत्तम मास के महीने में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा 16 मई से प्रारंभ हो रही है, यह परिक्रमा 13 जून तक चलेगी। इस माह में यज्ञ, दान, पुण्य एवं सरोवर में स्नान आदि धार्मिक कार्यक्रम पूरे महीने चलता रहेगा।
मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के पाक माह मे अल्लाह की इबादत आदि करेंगे। भारतीय ज्योतिष में काल गणना का मूल आधार सूर्य और चंद्रमा की गति को माना गया है। 12 मासों में यानी कि 1 वर्ष में 10 दिन 21 घंटा प्रतिवर्ष बढ़ता है। जो 3 वर्षों में बढ़े हुए दिनों से एक माह पूरा हो जाता है। जो चौथे वर्ष में अधिक मास या मलमास कहा जाता है। अधिक मास संक्रांति रहित होता है। इसमें विवाह आदि संस्कार निषेध होते हैं। क्योंकि इसे मलमास भी कहते हैं। इस मास में केवल यज्ञ दान आदि का महत्व विशेष बढ़ जाता है।
शास्त्रों के अनुसार इस पुरुषोत्तम मास में गंगा स्नान व सरोवर में स्नान आदि करने का विशेष महत्व बताया गया है। इसके अलावा इस पुरुषोत्तम मास में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा करने से व्यक्ति की 84 लाख योनियों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस परिक्रमा को सर्व प्रथम ब्रह्माजी ने अधिक मास में गोकुल से प्रारंभ की थी, ऐसा पौराणिक पुस्तकों में उल्लेख किया गया है।