
जयपुर। (वार्ता) राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि महिलाएं नई ऊर्जा के साथ नये युग का सूत्रपात कर सकती हैं। वे घर से बाहर निकलकर समाज को बदलने की प्रतिज्ञा कर लें तो फिर उन्हें कोई नहीं रोक सकता। श्रीमती राजे आज यहां अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा व प्रदेश के क्षत्राणी शपथ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि घूंघट में रहने वाली क्षत्राणियां आज क्रांतिकारी का रूप लेकर समाज सेवा का जो संकल्प लेने आई हैं,यह सभी समाजों के लिए उदाहरण है और हमारे लिए गौरव का अवसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमतौर पर क्षत्रिय महिलाएं बाहर नहीं निकलती थीं, लेकिन आज एक नये युग की शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि महिला जब बदलाव की भावना के साथ बाहर निकलती है तो सैंकड़ों चुनौतियों के बावजूद सकारात्मक बदलाव निश्चित रूप से होता है, क्योंकि महिलाएं जिस तरह घर को संवारने का हुनर जानती हैं, उसी तरह वे समाज, देश और प्रदेश को भी एक सूत्र में पिरोने का काम करती हैं।
श्रीमती राजे ने क्षत्राणियों का आह्वान किया कि आपने समाज सेवा का जो बीड़ा उठाया है तो 36 की 36 कौम को साथ लेकर चलना होगा। तभी हम एक सशक्त समाज और प्रदेश का निर्माण कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि आप अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर सुयोग्य बनाएं ताकि वे अन्याय के खिलाफ डटकर खड़े हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की 60 साल की मुसीबत 5 साल में दूर नहीं हो सकती, लेकिन राज्य सरकार ने दिन-रात काम कर प्रदेश की दशा और दिशा बदली है। वित्तीय स्थिति विकट होते हुए भी हमने प्रदेश के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि आपका प्यार और आशीर्वाद इसी तरह मिलता रहा तो विकास का यह सफर यूं ही जारी रहेगा। इस कार्यक्रम में सैंकड़ों क्षत्राणियों ने समाज सेवा की शपथ ली।