
बेंगलुरु। (वार्ता) कर्नाटक के जरिये दक्षिण भारत में पैर पसारने के भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के मंसूबों को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब जरूरी बहुमत जुटाने में विफल रहे उसके नेता बी एस येद्दियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने के तीसरे दिन ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप श्री येद्दियुरप्पा ने विधानसभा में आज विश्वास मत पेश किया लेकिन उस पर मतदान से पहले ही उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी। वह विधानसभा से सीधे राजभवन गये और राज्यपाल वजूभाई वाला को इस्तीफा सौंप दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
विधानसभा में इस्तीफे की घोषणा करने से पहले उन्होंने भावुक भाषण दिया और 1996 की याद ताजा करा दी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कुछ इसी तरह की स्थिति में लोकसभा में विश्वासमत पर मतदान से पहले इस्तीफा देने की घोषणा की थी। श्री वाजपेयी ने सबसे बड़े दल के नेता के रूप में केंद्र में सरकार बनायी थी लेकिन वह बहुमत जुटाने में विफल रहे थे।