
नई दिल्ली। (वार्ता) मौसम विभाग ने मानसून के अपने दूसरे और आखिरी पूर्वानुमान में भी इस साल इसके सामान्य रहने की बात कही है। साथ ही यह भी कहा गया है कि दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्व में सामान्य से कम बारिश का पूर्वानुमान है। विभाग द्वारा आज जारी पूर्वानुमान में इस साल देश भर में मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत का 97 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है। औसत के 96 से 104 प्रतिशत तक बारिश होने पर मानसून सामान्य माना जाता है।
यह लगातार तीसरा साल है जब मानसून सामान्य रहेगा। इससे पहले 16 अप्रैल को जारी पहले पूर्वानुमान में भी इसके 97 प्रतिशत रहने की बात कही गयी थी। इस पूर्वानुमान में हालांकि घटबढ़ की संभावना पाँच प्रतिशत से घटाकर आज चार प्रतिशत कर दी गयी है। इसका मतलब यह हुआ कि इस साल बारिश औसत के 93 से 101 प्रतिशत तक हो सकती है। वर्ष 1951 से 2000 के बीच मानसून के चार महीनों (जून से सितंबर) में देश में बारिश का औसत 89 सेंटीमीटर रहा है।
विभाग ने बताया कि इस साल उत्तर-पश्चिम में औसत के 100 प्रतिशत, मध्य भारत में 99 प्रतिशत, दक्षिण में 95 प्रतिशत और उत्तर-पूर्व में 93 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है। जुलाई में बारिश दीर्घावधि औसत का 101 प्रतिशत और अगस्त में 94 प्रतिशत बारिश का पूर्वानुमान है। दक्षिण- पश्चिम मानसून इस साल समय से तीन दिन पहले 29 मई को केरल तट पर पहुँचा था। आज सुबह तक यह पूरे केरल को अपने दायरे में लेता हुआ कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों तथा कुछ अन्य हिस्सों और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों तक पहुँच चुका है।