
नई दिल्ली। (वार्ता) रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि रमजान के दौरान अभियान रोकने के सरकार के निर्णय ने सेना के हाथ नहीं बांधे हैं और सीमापार से उकसावे की हर कार्रवाई का करारा जवाब दिया जायेगा।
श्रीमती सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाबों में कहा कि रक्षा मंत्रालय रमजान के दौरान अभियान रोकने के सरकार के निर्णय का सम्मान करता है और उसका पालन भी करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निर्णय में सेनाओं को सीमाओं की रक्षा करने से नहीं रोका गया है और इसमें यह व्यवस्था है कि यदि उकसावे की कार्रवाई होती है तो उचित जवाबी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा , “ उकसावे की हर कार्रवाई का करारा जवाब दिया जायेगा। ” रक्षा मंत्रालय इस मामले में किसी तरह का ‘यू टर्न’ नहीं लेने वाला। सेनाएं सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में अभियान रोकने का निर्णय लेने से पहले रक्षा मंत्रालय के साथ विचार विमर्श किया था और खुद गृह मंत्री ने उनसे बात की थी। इस मामले में सेना को भी विश्वास में लिया गया था और उसकी राय ली गयी थी। सरकार की अभियान रोकने की पहल की अवधि रमजान के आगे बढाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय स्थिति का आकलन करने के बाद लिया जायेगा और यह आकलन रक्षा मंत्रालय को नहीं करना। रक्षा मंत्रालय का काम सीमाओं की रक्षा करना है और वह इसमें पीछे नहीं हटेगा।
सीमा पर संघर्ष विराम समझौते पर उन्होंने कहा , “ सीमा पर संघर्ष विरमा महत्वपूर्ण है लेकिन किसी भी आतंकवादी हमले से देश की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ” पाकिस्तान के साथ बातचीत के संदर्भ में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस बारे में सरकार का रूख पूरी तरह स्पष्ट कर चुकी हैं कि आतंक और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते। वह इस बारे में अलग से कुछ नहीं कहेंगी।