
गुलाबपुरा। (सीपी जोशी) लोगों के शौक भी तरह-तरह के होते हैं। कब किसी को किस तरह का शौक लग जाए, कहा नहीं जा सकता। शहर के ओंकार अग्रवाल को कुछ इसी तरह का अनूठा शौक पिछले 25 वर्षों से है। अग्रवाल को भारतीय मुद्रा संग्रह करने का अनूठा शौक है। ओंकार अग्रवाल ने दुकान पर आए नोटों सहित सुदूर जाकर अनूठे नोटों का संकलन किया है।
इस दौरान उन्होंने गहन जानकारियां प्राप्त कर मुद्राएं व सिक्के सहित नोटों का संग्रह किया है। अग्रवाल ने वर्षों से सिक्कों व त्रुटिपूर्ण नोटों का संग्रह किया है। वे इन सिक्कों व नोटों का संग्रहण विभिन्न तरह के एलबम में बड़ी सुरक्षा से रखते हैं। वहीं प्लास्टिक के डिब्बों में कई तरह के प्राचीन व विभिन्न त्रुटिपूर्ण सिक्के सहेज रखे हैं। अग्रवाल ने इनका संग्रहण देश में कई जगह किया है। स्थानीय बावड़ी चौराहे पर मिठाई की दुकान व्यवसायी अग्रवाल के पास मुगलकालीन सिक्कों का संकलन सहित कई वर्षों पूर्व के भारतीय नोटों का भी संकलन मौजूद है।
अग्रवाल के पास चीन का 1897 का ड्रैगन डॉलर भी उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि इस ड्रैगन डालर का अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी कीमत है। जयपुर, हैदराबाद, इंदौर, कश्मीर, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, ग्वालियर स्टेट के सभी तरह के सिक्के उनके पास मौजूद हैं। भारतीय मुद्रा के संकलन के नाम पर मुगलकाल से संपूर्ण क्रमवार’ विभिन्न धातुओं के सिक्के मौजूद हैं।
इसके अलावा खादी भंडार की 2, 5, 10 की हुंडिया बहुतायत मात्रा में मौजूद है। 1 से लेकर 100 रुपए तक के नोटों की सभी प्रकार की गड्डियां संग्रह में संकलित है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मिसप्रिंट नोट का अनोखा व अनदेखा संग्रह अग्रवाल के पास अलमारियों में सुरक्षित है। अग्रवाल ने अपनी जमा पूंजी इन सिक्कों और नोटों के संकलन में लगा दी। कई लोग उनके इस अनूठे संग्रह को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। हालांकि उन सिक्कों व रुपयों को फिर करीने से सजाने-सहेजने में उन्हें पांच घंटे का समय लगता है।