
नई दिल्ली। (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की अगली बैठक में वर्ष 2018-19 के लिए खरीफ की अधिसूचित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागत का डेढ़ गुना करने के निर्णय को मंज़ूरी दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा भी की कि गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) की घोषणा भी दाे सप्ताह के भीतर कर दी जाएगी जो गत वर्ष से अधिक होगा।
श्री मोदी ने ये घोषणाएं सात लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास पर 140 गन्ना किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात एवं बातचीत के दौरान कीं। उन्होंने कहा कि जिनके गन्ने से चीनी का अनुपात 9.5 प्रतिशत से अधिक होगा, उन किसानों को अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा।
किसानों को राज्यों की ओर से गन्ने के बकाया भुगतान के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीतिगत पहल के अनुसार मिल मालिकों को दिये गये राहत पैकेज से बीते सात से दस दिनों के भीतर करीब 4000 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया है। इससे पहले गन्ने का बकाया भुगतान 22 हजार करोड़ रुपए हो गया है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 में केन्द्र सरकार द्वारा किये गये हस्तक्षेप का उल्लेख किया और कहा कि इससे 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक के बकाये के लिए जूझ रहे किसानों के बोझ को कम किया गया। मिल मालिकाें के माध्यम से भुगतान सुनिश्चित किया गया।
बातचीत में श्री मोदी ने किसानों को स्प्रिंकलर और ड्रिप यानी बूंद-बूंद सिंचाई सहित नयी कृषि तकनीकों तथा सौर पंपों के प्रयाेग के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने खेतों में बिजली की जरूरत के लिए सौर पैनल लगा कर और फसल का मूल्य संवर्द्धन करके अधिक आय अर्जित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने फसल काटने के बाद बचे अवशेष का भी समझदारी से उपयोग करने को कहा। अवशेष में पोषक तत्व होते हैं और उससे अतिरिक्त आय हो सकती है। उन्होंने 2022 तक रासायनिक खाद के प्रयाेग में दस प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य तय करने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने किसानों को कारपोरेट जगत से उनकी हाल के दिनों में हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी तथा फसलों के मूल्य संवर्द्धन, वेयरहाउसिंग, अच्छे बीज निर्माण एवं बाज़ार में पहुंच के संबंध में निजी क्षेत्र के निवेश के अवसरों की जानकारी दी और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इसे प्रोत्साहित करने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने उन्हें पेट्रोल में दस प्रतिशत एथेनॉल मिलाने के सरकार के फैसले के बारे में भी बताया जिससे चीनी क्षेत्र की अनेक समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान हो सकेगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार किसानों ने प्रधानमंत्री को चीनी पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर शत प्रतिशत किये जाने की घोषणा तथा किसानों को त्वरित भुगतान करने वाली चीनी मिलों को 5.50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से करीब 1540 करोड़ रुपए के अनुदान देने के प्रावधान के लिए धन्यवाद दिया। किसानों ने मिल मालिकोें को 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक के लिए दी गयी सहायता की भी सराहना की।