
नई दिल्ली। (वार्ता) वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की पहली वर्षगांठ पर सरकार एक जुलाई 2018 को ‘जीएसटी’ दिवस के रुप में मनायेगी।
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल एक जुलाई को इसकी शुरुआत की थी। भारतीय कर सुधार की दिशा में यह सबसे बड़ा कदम था। जीएसटी लागू करने का मकसद “ एक देश- एक कर ” प्रणाली है जिसके तहत पूरे भारत में वस्तुओं का आवागमन एक से दूसरे कौने पर किसी भी बाधा के सहजता से हो।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी प्रणाली के लागू होने के एक वर्ष पूरा होने की पूर्व संध्या पर फेसबुक पर एक पोस्ट में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में 44 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी होने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि समाप्त वित्त वर्ष में जीएसटी का प्रत्यक्ष कर संग्रह पर असर नजर नहीं आया था। उनका कहना था कि जीएसटी वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू नहीं हुआ था । इसलिए इसका पूरा असर नहीं दिखाई दिया लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में जीएसटी का करसंग्रह में असर साफ नजर आयेगा।
श्री जेटली के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तमाही में व्यक्तिगत आयकर में 44 प्रतिशत और कंपनी कर श्रेणी में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने लिखा है 2017..18 में आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या 6.86 करोड़ पहुंच जाने की उम्मीद है। वर्ष के दौरान आयकर रिटर्न भरने वालों में 1.06 करोड़ नये थे। कुल आयकर 10.02 लाख करोड़ एकत्रित किया गया। चार वर्षों में आयकर प्राप्ति में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।