
जम्मू। लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश के कारण कश्मीर में कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। शनिवार को दोपहर बाद कई स्थानों पर बारिश बेशक थम गई, मगर झेलम नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा। प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर और मध्य कश्मीर में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है। जम्मू कश्मीर में बिगड़े मौसम के चलते दो दिनों में चार लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, राज्यपाल एनएन वोहरा ने आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों को हालात से निपटने के कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वयं भी कई क्षेत्रों का मौके पर जाकर जायजा लिया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 12 घंटे संकट भरे हो सकते हैं।
मध्य कश्मीर में झेलम का जलस्तर 18 फीट से अधिक हो गया है, जो खतरे के निशान से अधिक है। इससे श्रीनगर सहित अन्य जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। झेलम के साथ सटे क्षेत्रों में रहने वाले कई लोग घर खाली कर पीछे आ गए हैं। दक्षिण कश्मीर में संगम के पास झेलम का जलस्तर 21 फीट से अधिक है। दक्षिण कश्मीर में प्रशासन ने शुक्रवार शाम को ही अलर्ट कर दिया था, हालांकि यहां बारिश रुकने से थोड़ी राहत है। इससे जलस्तर में भी थोड़ी कमी आ रही है। प्रशासन ने मध्य कश्मीर में झेलम नदी और नालों के करीब रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है। उधर श्रीनगर सहित कई शहरी क्षेत्रों में जलभराव हो गया है।
राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास ने बताया कि शोपियां, अनतंनाग और श्रीनगर जिलों में अभी तक 53 एमएम(मिलीमीटर) बारिश दर्ज की गई है।
उन्होंने दावा किया कि प्रशासन हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। व्यास के अनुसार एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के 140 विशेषज्ञों को तैयार रहने को कहा गया है। इस बीच, राज्यपाल एनएन वोहरा ने शनिवार सुबह राजभवन में आपात बैठक बुलाई, जिसमें झेलम व तवी नदियों तथा राज्य के अन्य प्रमुख नालों के बढ़ते जलस्तर से उत्पन्न स्थिति और प्रशासन द्वारा की गई अग्रिम तैयारियों की समीक्षा की गई।
स्कूल बंद, परीक्षाएं स्थगित: कश्मीर में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए शनिवार को सभी स्कूल बंद रहे। वहीं पैरामेडिकल काउंसिल ने रविवार को होने वाली पैरामेडिकल परीक्षाएं भी स्थगित कर दीं।