मौत, मुआवजा और बवाल

तकनीकी खराबी दूर करने पोल पर चढ़ा था लाईनमैन फुलवारी, चेतावनी पर चेता प्रशासन, आश्वासन पर धरने से उठे परिजन व कर्मचारी
बिजयनगर। (खारीतट सन्देश) स्थानीय काशलीवाल पेट्रोल पम्प के सामने और जोधपुर मिष्ठान भंडार के बाहर स्थित अजमेर विद्युत वितरण निगम के पोल पर चढ़कर मंगलवार शाम को तकनीकी खराबी दूर कर रहे युवा लाईनमेन अचानक करंट प्रवाहित हो जाने के कारण सिर के बल जमीन पर आ गिरा। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित मृतक के परिजनों और निगम के तकनीकी कर्मचारी बुधवार सुबह राजकीय चिकित्सालय में धरने पर बैठ गए। निगम प्रशासन की ओर से मृतक के एक आश्रित को नौकरी, घटना की निष्पक्ष जांच व उचित मुआवजा राशि देने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ। तब कहीं जाकर युवक के शव का पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया।

जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम को बार-बार बिजली गुल होने की शिकायत पर विद्युत निगम का लाईनमेन अरूणकुमार फुलवारी (32) निवासी ब्यावर काशलीवाल पेट्रोल पम्प के सामने व जोधपुर मिष्ठान के बाहर स्थित विद्युत पोल पर लाईन दुरुस्त करने के लिए शाम करीब 7 बजे चढ़ा था। लाईन दुरुस्त करने के लिए उसने ग्रिड स्टेशन से शट-डाउन भी ले रखा था। इस कारण व नि:संकोच सीढ़ी के जरिए पोल पर चढ़ गया और जैसे ही उसने तार को पकड़ा तो हाईवॉल्टेज का करंट का झटका लगने से मुंह के बल सड़क पर आ गिरा। अचानक हुए इस घटनाक्रम से राहगीर व आसपास खड़े लोग स्तब्ध रह गए एवं मौके से गुजर रहा एक टेम्पो चालक लोगों की सहायता से उसे लेकर राजकीय चिकित्सालय पहुंचा। जहां चिकित्सकों ने जाँच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद अस्पताल में भीड़ उमड़ पड़ी और मौके पर बिजयनगर पुलिस पहुंची व शव को कब्जे में लेकर अस्पताल के चीरघर में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया। सूचना मिलने पर ब्यावर से मृतक के परिजन बिजयनगर पहुंच गए। दूसरे दिन बुधवार को मौत से आक्रोशित युवक के परिजन व उसके साथी तकनीकी कर्मचारी अस्पताल में धरने पर बैठक गए। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कनिष्ठ अभियंता को निलम्बित करने, शट-डाउन के बावजूद करंट प्रवाहित करने वाले कर्मचारी को निलम्बित करने, उचित मुआवजा राशि दिलाने व मृतक के एक आश्रित को निगम में नौकरी देने की मांग की।

धरने की सूचना पर तहसीलदार प्रभात त्रिपाठी बिजयनगर व भिनाय पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। तहसीलदार त्रिपाठी व निगम के अधिकारियों को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। जहां धरना दे रहे कर्मचारियों व परिजनों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दे डाली कि जब तक उनकी मांग स्वीकार नहीं की जाएगी तब तक वह शव को अन्तिम संस्कार के लिए नहीं लेंगे। इस पर प्रशासन व कर्मचारियों के बीच वार्ता के दौरान कई बार गर्मा गर्म बहस हो गई। आखिरकार कर्मचारियों के आक्रोश को भांपते हुए प्रशासन को मांगे मानने पर मजबूर होना पड़ा। प्रशासन ने तत्काल सहायता के रूप में मृतक के परिजनों को 10 हजार रुपए की नकद राशि सौंपी,  मृतक के एक आश्रित को निगम में नौकरी व घटना के दोषी कर्मचारी व अधिकारी को जांच में दोषी पाए जाने पर निलम्बित करने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर दोपहर डेढ़ बजे परिजन व कर्मचारी धरने से उठने के लिए तैयार हुए।

प्रशासन के हाथ पैर फूले
धरने पर बैठे निगम के तकनीकी कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचे तहसीलदार प्रभात त्रिपाठी व निगम के अधिकारी को स्पष्ट लहजे में चेतावनी दे डाली की यदि मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा राशि नहीं दी गई और मृतक के आश्रित को नौकरी सहित अन्य मांगे नहीं मानी गई तो वह पूरे शहर की बिजली गुल कर देंगे। कर्मचारी की इस चेतावनी के बाद अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और उन्होंने उच्च अधिकारियों से सम्पर्क कर घटना की जानकारी दी। घटना स्थल पर वार्ता सफल रहने व धरना समाप्त हो जाने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

मिलनसार था फुलवारी
मूलत: ब्यावर निवासी मृतक अरूण फुलवारी बेहद मिलनसार स्वभाव का था इसके चलते वह अपने साथियों में भी अच्छी पैठ रखता था। फुलवारी ने अपनी कार्यप्रणाली व सरल स्वभाव के कारण शहर में अच्छी पहचान बना ली थी उसके निधन के समाचार मिलते ही लोगों में रोष फैल गया। मृतक फुलवारी का ससुराल भी बिजयनगर में ही है।

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