
बिजयनगर। (खारीतट सन्देश) निकटवर्ती जालिया द्वितीय ग्राम में महेश गुरू के सानिध्य में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन मंगलवार १७ जुलाई को हुआ। कथा के अंतिम दिन महेश गुरू ने गुरू और ग्रंथ दोनों ही व्यक्ति को भव पार कराते है इस विषय पर विस्तृत से बताया गया। साथ ही महेश गुरू ने कहा कि आज के समय में इंसान कितने ही अपने कर्म बिगाड़ ले लेकिन हिसाब सब ऊपर वाला ही करने वाला हैं साथ ही बताया कि इंसान चाहे सीसीटीवी कैमरो से बच सकता है लेकिन परमात्मा की नजर से बचना मुश्किल हैं। इंसान सब को धोखा दे सकता है लेकिन परमात्मा को धोखा नही दे सकता हैं।
कार्यक्रम के अंत में श्रीमद् भागवत को योगेशचन्द्र अपने सिर पर धारण करते हुए सभी ग्रामवासियों के साथ शोभायात्रा निकालते हुए श्री चारभुजा मंदिर में विराजित किया। इस अवसर पर राधेश्याम शर्मा, मोहनलाल नागला, जीवराज जाट, नाथूलाल धोल्या, ब्रह्मालाल जाट, हरिभाई सिंधी, सुभाषचन्द त्रिपाठी, कैलाश व्यास, शंकरलाल नारोदनिया, बंशीलाल खेतावत, सत्यप्रकाश छीपा, गोपाल सेन, रामलाल सूती, नाहरसिंह राठौड़, गंगासिंह राठौड़, जगदीश माली, देवकीनंदन माली सहित कई ग्रामवासी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि बरसात के दौरान कई बार मूसलाधार बारिश हुई लेकिन आस्था का मंजर ऐसा था कि जहां संत महेश गुरू ने अपने प्रवचन को विराम देना उचित नही समझा वही भक्त टस से मस नही हुए। वही इस बार कथा में श्रोताओं में गांव के युवाओं ने बड़ा उत्साह दिखाया।
एक दर्जन युवाओं ने त्यागे दुव्र्यसन
कथा में रोजाना प्रवचन सुनने के लिए आने वाले युवाओं पर महेश गुरू ने खासी छाप छोड़ी जिसका असर श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन उस समय देखने को मिला जब महेश गुरू के आव्हान पर करीब एक दर्जन युवाओं ने जो कि शराब, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट पीने के आदि थे उन्होंने शपथ लेकर भविष्य में किसी भी प्रकार का दुव्र्यसन नही करने का प्रण लिया।