अजमेर में दरगाह शरीफ में चढ़ने वाले गुलाब के फूलों से अब खाद तैयार की जाएगी: डोगरा

  • Devendra
  • 26/07/2018
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अजमेर। राजस्थान के अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह शरीफ की पवित्र मजार पर प्रतिदिन चढ़ने वाले सैंकड़ों किलोग्राम गुलाब के फूलों से अब खाद तैयार की जाएगी। अजमेर की जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने आज अजमेर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप कायड़ विश्राम स्थली पर खाद बनाने वाली 21 लाख रुपए लागत वाली अत्याधुनिक प्लांट मशीन का उद्घाटन कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह एक सुखद पहल की गई है जिसके तहत पवित्र मजार से उतरने वाले फूलों की अब बेकद्री नहीं होगी और उसका उपयोग खाद बनाने में किया जा सकेगा।

इस अवसर पर दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान ने बताया कि भारत सरकार स्वच्छ आइकोनिक प्लेस प्रोजेक्ट के तहत दरगाह कमेटी और हिन्दुस्तान जिंक के संयुक्त प्रयासों से खाद बनाने के इस प्लांट की स्थापना की गई है और अब इसका संचालन किया जाएगा। नाजिम आईबी पीरजादा के अनुसार सुबह एवं दोपहर के खिदमत के बाद प्रतिदिन करीब एक टन गुलाब के फूल ख्वाजा साहब की मजार शरीफ से हटाए जाते है जिन्हें अब तक दरगाह के समीप ही फूल बावड़ी में डाला जाता है और यह फूल अगले दो तीन दिन में गल जाया करते थे।

लेकिन अब दरगाह कमेटी ने पचास-पचास किलोग्राम की बीस बोरियों में इसे एकत्रित कर कायड़ विश्राम स्थली प्लांट पहुंचाना शुरू किया है जहां प्लांट के एक बड़े क्षेत्र में इन्हें डालकर छटाई की जाती है और पंखुड़ियों को अलग कर अब इसे खाद बनाने के उपयोग में लिया जा सकेगा। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह,वेदांता की सी.एस.आर.निलीमा खेतान एवं दरगाह कमेटी से जुड़े अन्य लोग उपस्थित थे।
गौरतलब है कि तत्कालीन नाजिम अहमद रजा के कार्यकाल में इन्हीं चढ़ांवे वाले फूलों के जरिए अगरबत्ती एवं गुलाबजल बनाने की योजना को तैयार किया गया था जो सफल नहीं हो पाई थी।

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