
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण सिंह ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में बायोटेक्नोलोजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर हुई भर्ती की जांच लोकायुक्त को सौंप दी है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में अभी हाल में बायोटेक्नोलोजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर डॉ. राजेश कुमार दुबे की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति के सम्बन्ध में शिकायते की गई कि श्री दूबे का एपीआई स्कोर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्ड़ों से कम है साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा ‘आउटस्टेण्डिंग केटेगरी‘ में नियुक्ति के लिए भी कोई मापदण्ड स्थापित नहीं किए। इनकी नियुक्ति की प्रक्रियाओं में तमाम अनियमित्ताओं की शिकायत थी।
पूर्व में श्री दूबे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में स्थापित एचआरडीसी में निदेशक पद पर कार्यरत थे जहां से इनको अनापत्ति प्रमाणपत्र के अभाव, बिना इस्तीफे एवं रिलीव हुए सुखाडिया विश्वविद्यालय में कार्यग्रहण भी कर लिया गया। भर्ती में हुई अनियमित्ताओं के संबंध में सुखाडिया विश्वविद्यालय के कुलपति से भी स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन राज्यपाल ने इसे गंभीर मानते हुए मामले कि जांच लोकायुक्त से कराने का निर्णय लिया। राज्यपाल श्री सिंह सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता एवं प्रमाणिकता पर विशेष बल दे रहे है। उनकी इस पहल के अच्छे परिणाम भी आ रहे है। श्री सिंह चाहते है कि विश्वविद्यालयों में विशेष रूप से नियुक्ति में पूर्णतया निष्पक्षता एवं पारदर्शिता होनी चाहिए।