
नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने वयोवृद्ध वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और उन्हें लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का रक्षक बताया है। पार्टी पोलित ब्यूरो ने सोमवार को यहाँ जारी शोक संदेश में कहा है कि श्री चटर्जी जाने माने सांसद एवं लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष थे तथा दस बार लोकसभा के सदस्य चुने गये थे। उन्होंने संविधान के बुनियादी ढाँचे तथा उसके धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
पार्टी ने शोकसंदेश में यह भी कहा है कि पेशे से वकील श्री चटर्जी ने वंचित तथा कामगार वर्ग के मुकदमे लड़कर उन्हें उनका हक एवं न्याय दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। भाकपा ने अपने शोक संदेश में कहा है कि श्री चटर्जी का जन्म एक परम्परावादी परिवार में हुआ था लेकिन वह शुरू से अंत तक वामपंथी बने रहे। वह न केवल श्रेष्ठ सांसदविद थे बल्कि पहले वामपंथी थे जो लोकसभा के अध्यक्ष बने। उन्होंने संसदीय व्यवस्था का इस्तेमाल जनता की समस्याओं को सुलझाने और उनके सवालों को उठाने के लिए किया। उनके निधन से देश के वामपंथी आन्दोलन और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को धक्का लगा है।