
नई दिल्ली (वार्ता)। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने स्वच्छता एवं गुणवत्ता की निगरानी में जनभागीदारी का सूत्रपात करते हुए यात्रियों को रेलवे की बेस किचेन, फूड स्टॉल सहित गाड़ियों एवं स्टेशन परिसरों में किसी भी जगह की बिना अनुमति तस्वीरें खींचने की छूट देने की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार श्री गोयल ने शीर्ष रेल अधिकारियों काे इस आशय के निर्देश देते हुए कहा कि इससे कोई भी गड़बड़ी सार्वजनिक होगी तो गलत काम करने वालों में डर पैदा होगा। अंतत: गुणवत्ता में सुधार होगा। श्री गोयल ने कहा कि फोटो खींचने वाले के पास रेलवे का समुचित टिकट हाेना जरूरी होगा।
श्री गोयल का कहना है कि रेलवे में उनका फोकस स्वच्छता, कैटरिंग और समयपालन पर है। इस कदम से स्वच्छता एवं कैटरिंग दोनों पर ही निगरानी रखी जा सकेगी। रेल मंत्री का मानना है कि रेल यात्रियाें को फोटो खींचने की छूट देने से हर प्रकार के पर्दे की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी तथा सोशल मीडिया के माध्यम से वे तस्वीरें, ऑडियो या वीडियो के माध्यम से रेलवे के शीर्ष नेतृत्व की निगाहों में आएंगी। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके आम यात्रियों से सुरक्षा के मामले में संपर्क स्थापित किया था और रेलवे की हेल्पलाइनों को सक्रिय करके सुरक्षा एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने का सफल प्रयास किया था।
सूत्रों के अनुसार स्वच्छता के मामले में होने वाली रैंकिंग में भी आम यात्रियों द्वारा खींची गईं तस्वीरों को संज्ञान में लिया जाएगा। रेल मंत्री ने हाल ही में 400 से अधिक स्टेशनों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की थी और इस वार्षिक सर्वेक्षण को साल में दो बार करने तथा 1000 स्टेशनों में इसका विस्तार करने की घोषणा की थी। जल्द ही ट्रेनों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की जाएगी। श्री गोयल का कहना है कि रेलवे जैसे विशाल तंत्र में अधिकारियों के भरोसे निगरानी करना संभव नहीं है। इसलिए जनभागीदारी से ही यह संभव है। जनभागीदारी को रेल मंत्रालय का साथ मिलने से अपेक्षित परिणाम और जनता की संतुष्टि हासिल की जा सकती है।