
नई दिल्ली। सरकार ने डाक विभाग के पूर्ण स्वामित्व वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के मुनाफे का एक-चौथाई भाग ग्रामीण डाक सेवकों को कमीशन के रूप में देने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 01 सितम्बर को एक कार्यक्रम में आईपीपीबी की औपचारिक शुरुआत करेंगे। उसी दिन देश भर में इसकी 650 शाखाएँ और 3250 डाकघरों में सेवा केंद्रों की शुरुआत की जायेगी। साल के अंत तक देश के 1.55 लाख डाकघरों में यह सेवा शुरू हो जाएगी। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने आज यहाँ संवाददाताओं को बताया कि आईपीपीबी को जितना भी मुनाफा होगा उसका 25 प्रतिशत ग्रामीण डाक सेवकों को कमीशन के रूप में दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि श्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में ग्रामीण डाक सेवकों को सीधे कमीशन देने की मंजूरी दी गयी है। इस फैसले से उन्हें तत्काल कमीशन देना संभव हो सकेगा जो उनके प्रोत्साहन के लिए बेहतर होगा।
इस समय देश में 40 हजार डाकिये और लगभग दो लाख 60 हजार ग्रामीण डाक सेवक हैं। इससे डाक विभाग के संचालन में उनके महत्त्व को समझा जा सकता है। सभी डाक सेवकों को स्मार्टफोन और हाथ में रखी जा सकने वाली मशीनें दी जायेंगी जिनके जरिये क्यूआर कार्ड स्कैन कर और बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन कर तत्काल ट्रांजेक्शन पूरा किया जा सकेगा। श्री सिन्हा ने बताया कि आईपीपीबी के मुनाफे में पाँच प्रतिशत डाक विभाग को भी दिया जायेगा। इस पैसे का इस्तेमाल डाक विभाग में बुनियादी ढाँचों को बेहतर बनाने के लिए किया जायेगा।