
जकार्ता। जापान ने 8वें एशियन गेम्स में शुक्रवार को महिला हॉकी फाइनल में भारत को 2-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। भारत को 20 साल बाद रजत पदक मिला। भारत को 1998 में कोरिया के हाथों हार के बाद रजत पदक मिला था। मिनामी शिमिजू ने जापान को 1-0 की बढ़त दिलाई थी। नेहा गोयल ने भारत को बराबरी दिलाई।मोटोमी कावामुरा ने भारत के खिलाफ 2-1 की बढ़त दिलाई, जो निर्णायक साबित हुई।
मिनामी ने 11वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागते हुए जापान को 1-0 की बढ़त दिलाई। जापान पहले क्वार्टर के बाद 1-0 से आगे था। 25वें मिनट में नवनीत के रिवर्स हिट पास पर नेहा ने गोल दागते हुए भारत को बराबरी दिलाई। हाफटाइम तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थी। जापान को 44वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला और मोटोमी कावामुरा ने गोल दागते हुए जापान को 2-1 की बढ़त दिलाई, , जो निर्णायक साबित हुई।
भारत अगर फाइनल जीत जाता है तो ना केवल वह गोल्ड मेडल जीतती बल्कि टोक्यो ओलिंपिक के लिए सीधा प्रवेश भी पा लेती लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे पहले भारत ने 1982 में दिल्ली में हुए 9वें एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। इसी साल भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार एशियन गेम्स में हिस्सा लिया था। भारत का इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन रहा है और रैंकिंग में भी वह जापान पर हावी दिख रही है। वर्ल्ड हॉकी रैंकिंग में भारत 9वें स्थान पर है जबकि जापान 14वें स्थान पर। अब हिसाब से भारत को जीत का प्रबल दावेदार मानना गलत नहीं होगा।
खिताबी मुकाबले के लिए भारतीय कप्तान रानी रानीपाल भी पूरी तरह से तैयार है। फाइनल से पहले रानी ने भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जगाई। रानी ने कहा कि जापान के खिलाफ मुकाबला काफी रोमांचक होगा। हम इस मैच को जीतने के लिए अपनी जान लड़ा देंगे। हमारी टीम को पता है कि उससे गोल्ड हासिल कर ओलंपिक में क्वालिफाइ करना है इसलिए हम एशिया की सबसे अच्छी टीम की तरह ही प्रदर्शन करेंगे।