तीन साल में समूची ब्रॉडगेज लाइन का होगा विद्युतीकरण : गोयल

  • Devendra
  • 12/09/2018
  • Comments Off on तीन साल में समूची ब्रॉडगेज लाइन का होगा विद्युतीकरण : गोयल

नई दिल्ली। पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार ने अगले तीन साल में देश की समूची ब्रॉड गेज रेल लाइनों का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण करने का फैसला किया है और इससे करीब तीन अरब लीटर डीज़ल और साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की यहां हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इस फैसले के तहत 13 हजार 675 मार्ग किलोमीटर (16 हजार 540 ट्रैक किलोमीटर) के 108 सेक्शन का कवरेज है किया जाएगा। विद्युतीकरण का कार्य 12 हजार 134.50 करोड़ रुपये की लागत से 2021-22 तक पूरा किया जाना है।

उन्होंने कहा कि इस फैसले से जहां तेल पर रेलवे की निर्भरता कम होगी वहीं डीजल इंजन से चलने वाली गाड़ियों के कारण होने वाले प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। ब्रॉड गेज संपूर्ण विद्युतीकरण के बाद प्रति वर्ष 2.83 अरब लीटर हाई स्पीड डीजल की खपत में कमी आएगी। ईंधन व्यय में हर साल 13510 करोड़ रुपए की बचत की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि अभी भारतीय रेल के लगभग दो तिहाई माल ढुलाई तथा यात्री परिवहन के आधे से अधिक का संचालन बिजली कर्षण से हो रहा है। लेकिन बिजली कर्षण का भारतीय रेल के कुल ऊर्जा व्यय में केवल 37 प्रतिशत का योगदान है।

उन्होंने कहा कि जिन रेल लाइनों का पूरी तरह से विद्युतीकरण नहीं हुआ है और गंतव्य तक पहुंचने से पहले रास्ते में ही बिजली के इंजन को डीजल इंजन में बदलना पड़ता है उन सभी मार्गों का जल्द और प्राथमिकता के साथ विद्युतीकरण किया जाएगा ताकि यात्रा को पूरा करने में कम समय लगे और यात्रा को ज्यादा सुगम और सरल बनाया जा सके। रेल मंत्री ने कहा कि इस फैसले से रेलवे का संचालन आसान होगा, रेल की गति, सुरक्षा और क्षमता बढेगी तथा सेवा गुणवत्ता में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण के दौरान 20.4 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इंजन के रख-रखाव पर खर्च में कमी आएगी, क्योंकि बिजली इंजनों की रख-रखाव लागत 16.45 रुपये प्रति हजार जीटीकेएम है जबकि डीजल इंजनों के रख-रखाव की लागत प्रति हजार जीटेकेएम 32.84 रुपये है। बिजली इंजनों की पुर्नउत्पादन सुविधा से 15-20 प्रतिशत ऊर्जा की बचत भी होगी। रेलवे ट्रैक के पूर्ण विद्युतीकरण से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी क्योंकि बिजली कर्षण के लिए प्रति टन पर्यावरण लागत 1.5 पैसे होती है और डीजल ट्रैक्शन के लिए 5.1 पैसे होती है। पूरी तरह बिजली ट्रैक्शन अपनाने से 2027-28 तक रेलवे के कार्बन उत्सर्जन में 24 प्रतिशत की कमी आएगी। बिजली ईंजनों की उच्च गति तथा उच्च वहन क्षमता के कारण रेलवे को लाईन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसी के साथ नयी सिगनल प्रणाली भी समूचे पथ पर लगने से ट्रेन संचालन में सुरक्षा बढ़ेगी।

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
Skip to toolbar