
नई दिल्ली। जकार्ता एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने खेल मंत्रालय और पुरस्कार समिति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न के लिए जब उनके अंक ज्यादा थे तो उन्हें किस लिए इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया? वह इसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं। वह देर रात खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मिले लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। अब न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
बजरंग ने आरोप लगाए कि उनके नहीं बल्कि महिला पहलवान विनेश व कुछ अन्य खिलाड़ियों के अंक विराट कोहली और मीराबाई चानू से अधिक थे। अगर समिति को अंक देखने ही नहीं हैं तो इस चयन प्रणाली को लागू ही क्यों किया गया है। वह इस पुरस्कार के लिए पूरी तरह योग्य हैं और अगले साल का इंतजार नहीं कर सकते। जिस तरह का उनका खेल है इसमें चोट की गुंजाइश काफी रहती है। उन्हें उनके इस प्रदर्शन पर पुरस्कार देना चाहिए। उनके 78 के आसपास अंक बनते हैं जबकि कोहली का कोई अंक ही नहीं था।
वहीं, मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि बजरंग की दलील गलत है। वह जिन अंकों के अधिक होने की बात कह रहे हैं उनकी तुलना उसी खेल के खिलाड़ी से की जाती है। समिति ने पुरस्कार इसी हिसाब से बड़ी उपलब्धियों को ध्यान में रख दिए हैं।