लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को पत्र लिखकर आशंका जतायी है कि आगामी एक दिसम्बर को रिलीज होने वाली ‘पद्मावती’ फिल्म के कारण प्रदेश में शान्ति व्यवस्था बिगड़ सकती है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के गृह विभाग ने पत्र में उल्लेख किया है कि इस फिल्म के निर्माताओं द्वारा केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष प्रमाणन के लिए प्रस्तुत कर दिया है, जिस पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार बोर्ड द्वारा विचार किया जाना है।
प्रदेश के अभिसूचना विभाग की आख्याओं का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव ने अवगत कराया है कि आगामी एक दिसम्बर को निर्माता, निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होना प्रस्तावित है।
इस फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों को लेकर विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य संगठन ने इसके विरोध में है।
पत्र में गृह विभाग ने लिखा है कि इन संगठनों द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर बैठक, प्रदर्शन, नारेबाजी, जुलूस, पुतला दहन, ज्ञापन आदि के माध्यम से तीव्र प्रतिक्रिया की जा रही है।
इन संगठनों द्वारा रानी पद्मावती के चरित्र को गलत ढंग से प्रदर्शित किये गये दृश्यों को फिल्म से हटाने की मांग की जा रही है तथा सिनेमाघरों के प्रबन्धकों एवं मालिकों से इस फिल्म का प्रदर्शन न करने की अपील भी की जा रही है।
फिल्म के प्रदर्शित होने पर उनके द्वारा सिनेमाघरों में तोड़फोड़, आगजनी एवं अन्य ढंग से आन्दोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित किये जाने की चेतावनी भी दी गयी है।
प्रदेश के अतिरिक्त राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली आदि प्रदेशों में भी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाये जाने को लेकर आन्दोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
गृह विभाग ने अपने पत्र में यह उल्लेख भी किया है कि इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर कतिपय संगठनों द्वारा उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की गयी थी, जिसे न्यायालय द्वारा इस टिप्पणी के साथ नहीं सुना गया कि इसके लिए राहत का वैकल्पिक पटल उपलब्ध है।
अर्थात इस फिल्म के सम्बन्ध में सम्बन्धित पक्ष द्वारा केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के समक्ष आपत्तियां उठायी जा सकती हैं।
गृह विभाग द्वारा पत्र के माध्यम से केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को अवगत कराया गया है कि वर्तमान में प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया गतिमान है, जिसमें 22, 26 एवं 29 नवम्बर को तीन चरणों में मतदान होना है।
मतगणना की तिथि एक दिसम्बर है।
दो दिसम्बर को ही चन्द्रदर्शन के अनुसार बारावफात का पर्व भी पड़ना सम्भावित है, जिसमें पारम्परिक रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा व्यापक रूप से जुलूस आदि निकाले जाते हैं।
इस वातावरण में यदि इस फिल्म को ट्रेलर लाॅन्च के दौरान प्रदर्शित स्वरूप में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाता है तो, इसके कारण प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अशान्ति तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
स्थानीय निकाय चुनाव तथा बारावफात को देखते हुए शासन-प्रशासन की व्यस्तताओं एवं प्रतिबद्धताओं के दृष्टिगत एक दिसम्बर से फिल्म का रिलीज होना शान्ति व्यवस्था के हित में नहीं होगा।
- Devendra
- 16/11/2017
- Comments Off on पद्मावती फिल्म के रिलीज होने से बिगड़ सकती है प्रदेश की शान्ति व्यवस्था: गृह विभाग