अलवर| राजस्थान के अलवर में लाल प्याज के भाव अच्छे होने के कारण किसानों के चेहरे पर खुशी झलक रही है।
अलवर की प्याज मंडी में प्याज के थोक भाव 30 रुपये किलो तक पहुंच जाने से अब किसानों को आर्थिक फायदा मिल रहा है। अलवर के किसानों को नगद और चेक से भुगतान होने के कारण अब दलालों से भी छुटकारा मिल गया है। किसान अब सीधा अपना प्याज मंडी में लाता है और उसे नकद या चेक द्वारा भुगतान कर दिया जाता है या फिर किसान के खाते में सीधा भुगतान कर दिया जाता है।
प्याज उत्पादक किसान साहड़ोली गांव निवासी गफूर खान ने बताया कि उसने डेढ़ बीघा में प्याज बोया था जिसमें 60 कट्टे प्याज हुआ है। एक कट्टे में करीब 50 किलो प्याज आता है। अलवर में इस बार करीब 13000 हेक्टेयर भूमि में प्याज की बुवाई हुई है। देश का अलवर ही एक ऐसा इलाका है जहां सर्दी के मौसम में प्याज का उत्पादन होता है। जुलाई अगस्त माह में इसकी बुवाई की जाती है जिसकी फसल नवंबर में शुरू हो जाती है। एक बीघा प्याज को तैयार करने में करीब 25 से 30 हजार रुपये की लागत आती है।
विगत कई साल तक प्याज के भाव कम होने के कारण प्याज उत्पादक किसान अपनी प्याज को खेतों से ही मंडी तक नहीं ले जाते क्योंकि उनके भाव नहीं मिलने के कारण किसान आर्थिक खामियाजा नहीं उठाता है। अलवर प्याज मंडी के अध्यक्ष अभय सैनी उर्फ पप्पू ने बताया कि अलवर की प्याज को खैरथल की प्याज के नाम से जाना जाता है। रोजाना 20 से 25 हजार कट्टे प्याज की आवक हो रही है और प्याज की गुणवत्ता को देखते हुए 20 से 30 रुपये प्रति किलो थोक भाव से प्याज बिक रहा है।
अलवर का प्याज देश के कई प्रांतों सहित बांग्लादेश और नेपाल के व्यापारियों को सुपुर्द कर दिया जाता है। हालांकि कुछ व्यापारी अलवर में अगर सीधे किसानों से प्याज खरीदते हैं मंडी में प्याज कम मात्रा में भी आता है। एक अनुमान के मुताबिक अलवर में 10 करोड़ किलो प्याज के उत्पादन की संभावना है। मुख्य रुप से प्याज की मुख्य मंडी अलवर के खैरथल में है।
- Devendra
- 16/11/2017
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