
मुंबई। राम मंदिर को लेकर गुरुवार को भाजपा सांसद राकेश सिन्हा के ट्वीट के बाद अब इस मामले में संघ का बयान आया है। संघ ने कहा है कि न्यायालय जनभावन को समझते हुए जल्द फैसला दे। यह बात संघ के सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी ने शुक्रवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
यहां पिछले तीन दिनों से जारी संघ की बैठक के अंतिम दिन मीडिया को संबोधित करते हुए भैय्याजी जोशी ने संघ के विस्तार को लेकर जानकारी दी। इस दौरान जब उनसे राम मंदिर को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह आंदोलन 30 साल से चल रहे है और अब न्यायालय की प्रतिक्षा भी लंबी हो गई है। उन्होंने कहा कि ‘राम मंदिर को लेकर 2010 में लखनऊ बेंच का निर्णय आया था और 2011 में सुप्रीम कोर्ट मामला पहुंचा। तीन जजों की बेंच बनी तो हमें आशा थी कि कुछ निर्णय आएगा लेकिन दुर्भाग्य से फैसला नहीं आ पाया और बेंच का कार्यकाल समाप्त हुआ। नई बेंच बनी और 29 अक्टूबर सुनवाई के लिए तय की गई। हमें उम्मीद थी कि दिवाली से पहले कुछ शुभ समाचार सुनने को मिलेगा लेकिन मामला अनिश्चित समय के लिए टल गया।’
भैय्याजी जोशी ने आगे कहा कि ‘सुनवाई टालने को लेकर जब कोर्ट से पूछा गया तो कोर्ट ने कहा कि हमारी प्राथमिकताएं अलग हैं, इससे हमें आहत हुआ। यह करोड़ों की आस्था से जुड़ा विषय है और अगर न्यायलय की प्रायोरिटी में नहीं आता है तो यह आश्चर्यजनक है। इससे हिंदू समाज अपमानित महसूस करता है। हम न्यायालय से अपील करते हैं कि वो इस पर पुन: सुनवाई करे। हमने कभी न्यायालय के निर्णयों की उपेक्षा नहीं कि, हम संविधान का सम्मान करते हैं। लेकिन न्यायालय की भी जिम्मेदारी है कि वो जनभावना को समझे और इस मुद्दे पर फिर से पुनर्विचार करे।’ जब उनसे राम मंदिर पर अध्यादेश को लेकर सवाल पूछा गया तो भैय्याजी जोशी ने कहा कि ‘कानून बनाने और अध्यादेश बनाने की मांग जिन्होंने की यह उनका अधिकार है। जब अध्यादेश आएगा तब देखेंगे, फिलहाल कुछ नहीं कह सकते।’
संघ प्रमुख से मिले भाजपा अध्यक्ष: इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। दोनों के बीच करीब घंटाभर तक चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इस दौरान राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बात हुई है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर की सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी है। तभी से संघ और भाजपा के कई नेताओं समेत हिंदू संगठन और संत समाज सरकार पर राम मंदिर बनवाने के लिए दबाव बनाने में जुटा है। संघ प्रमुख भागवत तो राम मंदिर के लिए अध्यादेश तक लाने की सलाह दे चुके हैं। हालांकि, अभी सरकार की ओर से मुद्दे पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।