
बिजयनगर। इस खुशी वाले त्यौहार पर कुछ सावधानियां रखना भी जरूरी है। पटाखे जलाते समय ढीले व नाइलोन के कपड़े कतई न पहनें, बच्चों को अकेला कभी नहीं छोड़ें। हमेशा खुली जगह में ही पटाखे छोड़ें। ज्यादा धुएं और तेज आवाज वाले फटाखों से परहेज करें। इससे वातावरण प्रदूषित होता है और अन्य लोगों को भी तकलीफ होती है। टीन या मटकी इत्यादि में फटाखे न छोड़ें। सावधानियां रखते हुए भी यदि हाथ जल जाए या आंखों में चोट लग जाए तो कोई भी ट्यूब या घरेलू उपचार नहीं करें।
यदि आंखों में जलन हो तो ठण्डे पानी से लगातार धोते रहे। चिकित्सक की सलाह लें। चमड़ी जल जाने पर प्लास्टिक की थैली में बर्फ लेकर 1 से 2 घंटे तक लगातार सेक करें व चिकित्सक की सलाह लें। यह त्यौहार हमारे लिए व सभी अन्य के लिए खुशियां लेकर आया है। दिवाली की सफाई करते समय बारीक धूल से बचने के लिए मुंह व नाक पर बारीक कपड़ा ढकें। खाने पीने के उत्पादों में कृत्रिम रंगों की मिठाई स परहेज करें। अस्थमा व दिल के मरीज अपनी इमरजेंसी दवाईयां अपने साथ रखें। आप सभी को दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं सहित अपना खयाल रखें, स्वस्थ रहें।
-डॉ. अनिल गोयल, चिकित्सक