
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में से एक दंतेवाड़ा में नक्सली लगातार हिंसक वारदातों को अंजाम देते हुए मतदान में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों को मतदान न करने के लिए धमकाया जा रहा है। इन सब के बीच स्थानीय ग्रामीणों की लोकतंत्र के प्रति आस्था और मजबूत हो रही है। धुर नक्सल प्रभावित रोंजे पंचायत में पहली बार मतदान हो रहा है। यहां लोकतंत्र की अलख जगाने के लिए मतदान दल पहुंचे और फिर लोगों से वोट की अपील की गई। नतीजा यह निकला की लोग निर्भीक होकर घरों से निकल आए और सुबह से ही इस मतदान केंद्र में लोगों की भीड़ लग गई। बड़ी तादात में युवा, महिला-पुरुष और बुजुर्ग लोकतंत्र के इस महाउत्सव में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
हाथों में वोटर आईडी थामे गर्व की मुस्कान के साथ यह कतार में खड़े होकर अपने मतदान का इंतजार करते नजर आए। इतिहास में आज का दिन इस गांव के लोगों के लिए अमर होने जा रहा है। आजादी के बाद पहली बार यहां मतदान हो रहे हैं और लोगों के अंदर किसी भी तरह की नक्सल हिंसा का भय नहीं है। आज सुबह के सूरज की पहली किरण के साथ इन लोगों लोगों की जिंदगी में लोकतंत्र का नया उजियारा आने जा रहा है। लोगों के इस उत्साह को देखकर बिल्कुल साफ है कि इन्हें अब नक्सल धमकी की परवाह नहीं है। यह तो सुनहरे भविष्य का सपना देख रहे हैं। विकास के एक नए युग की शुरूआत के साक्षी बन रहे हैं।
अतिसंवेदनशील सुकमा जिले का कोंटा विधानसभा क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां पिछले चुनावों के दौरान लगातार नक्सल हिंसा होती रही हैं। यहां नक्सलियों ने पहले जमकर कहर बरसाया है। क्षेत्रीय गांवों में सरकारी भवनों और स्कूल भवनों को नक्सली पहले ही तबाह कर चुके हैं। ऐसे में जब मतदान का समय आया तो यहां निर्भीक होकर मतदान दल पहुंचा और इमली के एक पेड़ के नीचे मतदान केंद्र बनाया गया। सुबह पांच बजे से मतदान कर्मी यहां ड्यूटी पर तैनात रहे है और सुबह के उजियारे के साथ गांव के लोग भी मतदान के लिए पहुंचने लगे।