
जयपुर। कांग्रेस ने दावेदारों की सूची केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) में भेजने से पहले रविवार को दिन-रात मशक्कत की। रविवार आधी रात के बाद भी सोमवार देर शाम तक नेता कांग्रेस के वॉर रुम में जमे रहे। इसी बीच भाजपा की सूची को देखकर कुछ उम्मीदवारों के नामों में भी फेरबदल भी कर दिया गया। अंत में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पहली सूची मंगलवार को जारी करने का निर्णय लिया।
मंथन में पहले सिंगल नाम का पैनल सर्वसम्मति से तैयार करने को लेकर मंथन हुआ, तो बाद में भाजपा की सूची आने के बाद सीटवार कांग्रेस ने अपने तय किए उम्मीदवारों के जातिगत समीकरण को लेकर रणनीति पर चर्चा की। स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा और प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डे ने पहले दिन में राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत के साथ करीब 5 घंटे चर्चा की। सभी सीटों पर गहलोत की राय ली गई। इसके बाद उनकी ओर से आई आपत्तियों को लेकर फिर शैलजा और पाण्डे ने प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, जितेन्द्र सिंह के साथ चर्चा की। इनके साथ गहलोत की ओर से दिए सुझावों को लेकर मंथन हुआ।
इनके साथ भी करीब 6 घंटे मंथन हुआ। फिर रात 11 बजे बाद भाजपा की सूची आई तो कांग्रेस के दिग्गज ने वॉर रूम में ही फिर सभी सीटों पर चर्चा की। इस बार स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से सिंगल नाम के तैयार किए गए पैनल के नाम और भाजपा की ओर से जारी की गई सूची से नामों का मिलान किया। सूत्रों का दावा है कि भाजपा की सूची के आधार पर कांग्रेस ने भी कुछ सीटों पर नामों में फेरबदल किया है। इसमें उम्मीदवारों की क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों के मुकाबले जनता में पकड़ और कार्यशैली को देखा गया। जातिगत समीकरणों का भी आंकलन किया गया। इस दौरान रात को ही कांग्रेस के प्रदेश सह सचिवों को भी बुलाकर वरिष्ठ नेताओं ने जमीन हकीकत की जानकारी ली।
सूत्रों के मुताबिक सीईसी की बैठक से पहले राष्ट्रीय महासचिव गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस मुलाकात को राजस्थान के संदर्भ में देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक गहलोत ने संभवत: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के दावेदारों को लेकर चर्चा की। एक दिन पहले भी ऐसी चर्चाएं रहीं कि गहलोत ने कुछ सीटों पर पहले तय किए पैनल में नामों में बदलाव कराया। उधर, एआइसीसी में जितेन्द्र सिंह और मानवेन्द्र सिंह की मुलाकात हुई।