
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर जन दबाव बनाने की रणनीति तैयार की है। इस योजना के तहत संघ और वीएचपी के कार्यकर्ता नौ दिसंबर को दिल्ली में मेगा रैली करेंगे। इस रैली में विभिन्न राज्यों से लाखों लोग शिरकत करेंगे। बता दें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं लगाई गई हैं।
आठ लाख लोगों को जुटाने की योजना: इस योजना को सफल बनाने के लिए संघ और विश्व हिंदू परिषद सहित तमाम दक्षिणपंथी संगठनों ने राम मंदिर निर्माण के लिए जोर लगाना तेज कर दिया है। इस बार संघ हर हाल में मंदिर निर्माण का काम शुरू कर देना चाहता है। यही कारण है कि संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में नौ दिसंबर को एक विशाल रैली बुलाई गई है। इस रैली में आठ लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद है जिसमें बड़ी संख्या में साधु-संत भी शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक इस मेगा रैली में आरएसएस के सभी बड़े नेता पहुंचेंगे।
कानून बनाने की मांग तेज: इस रैली का आयोजन अखिल भारतीय संत समिति की तरफ से किया जाएगा। मेगा रैली के जरिए केंद्र सरकार से अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण के लिए रास्ता बनाने की मांग की जाएगी। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद से जुड़े केस की सुनवाई अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते के लिए मुलतवी कर दी है। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को उचित बेंच के हवाले करेगी और वही बेंच इस केस की तारीख पर फैसला लेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद से ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद के कानून लाने की मांग तेज़ होती दिख रही है। इससे पहले राम मंदिर निर्माण के लिए संघ ने 25 नवंबर को अयोध्या और बेंगलूरु में जनाग्रह रैली निकालने का फैसला लिया है।