जयपुर। (वार्ता) राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य सरकार शिल्पकला के विकास तथा इससे जुड़े आर्टिजन्स के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है और उन्हें ई-कॉमर्स पोर्टल्स से जोड़ा जायेगा ताकि उनके उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार मिल सके।
श्रीमती राजे आज यहां झालाना संस्थानिक क्षेत्र में भारतीय शिल्प संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रॉफ्ट्स एंड डिजाइन-आईआईसीडी) के छठे दीक्षान्त समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्टिजन्स के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पर काम चल रहा है। इसी तरह हैरिटेज फैशन वीक जैसे सफल आयोजनों से स्थानीय आर्टिजन्स को विश्व के जाने-माने आर्टिजन्स के साथ काम करने तथा उनके अनुभवों से सीखने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान शिल्पकला, हस्तशिल्प और दस्तकारी के क्षेत्र में एक समृद्ध प्रदेश रहा है। स्टोनवर्क, ज्वैलरी, लेदरवर्क, ब्लू पॉटरी, टेराकोटा आदि क्षेत्र में राज्य के कुशल शिल्पियों की विश्व में एक विशेष पहचान है। यही कारण है कि यूनेस्को ने जयपुर को वर्ष 2015 में सिटी ऑफ क्राफ्ट्स एंड फोक आर्ट्स ’ के रूप में पहचान दी थी। वर्ल्ड क्राफ्ट्स काउंसिल ने भी जयपुर को क्राफ्ट्स सिटी घोषित किया था।
श्रीमती राजे ने कहा कि शिल्पकला संस्कृति की पहचान ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्र में आजीविका का एक स्थायी साधन भी है। उन्होंने कहा कि कृषि के बाद शिल्पकला ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के सबसे अधिक अवसर प्रदान करता है। इसीलिए राज्य सरकार प्रदेश के आर्टिजंस की जरूरतों को समझकर उनके आर्थिक उत्थान के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने संस्थान के तीन छात्राओं को एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड तथा 81 विद्यार्थियों को कोर्स डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट प्रदान किए।
- Devendra
- 19/11/2017
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