नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, राजस्थान, गोवा और पश्चिम बंगाल महिला उद्यमियों के लिए सबसे अधिक केंद्रित योजनाओं की पेशकश करने वाले शीर्ष पाँच राज्य बनकर उभरे हैं।
देश में महिला उद्यमियों की स्थिति पर पेश एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत महिला उद्यमी अपने कारोबार का स्वयं वित्त पोषण कर रहीं है और पश्चिम बंगाल के साथ ही दक्षिण भारत के राज्य आँध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में सबसे अधिक संख्या में महिला उद्यमी हैं।
पूर्वोत्तर के अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नगालैंड में पुरुषों की तुलना में महिला उद्यमियों का अनुपात अधिक है।
शीएटवर्क डॉट काम द्वारा किये गये इस सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला उद्यमियों के लिए इन स्कीमों का ज़ोर मुख्य रूप से वित्तीय सहायता पर केंद्रित है जिसके बाद इसमें महिला उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण और कौशल निर्माण पर ज़ोर दिया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक महिला उद्यमी काम कर रही हैं।
इसके बाद वित्तीय सेवाओं, बीमा, पशुधन, वनोपज और लाॅजिंग के क्षेत्र में महिलाओं ने उपक्रम बनाये हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देशभर में करीब 80 प्रतिशत महिला उद्यमी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाली विभिन्न सरकारी योजनाओं का मामूली उपयोग कर अपने कारोबार का स्वयं वित्त पोषण कर रही हैं।
पश्चिम बंगाल के साथ ही दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में सबसे अधिक संख्या में महिला उद्यमी हैं जिनमें ज्यादातर के पास छोटे एवं मझोले आकार के कारोबार हैं।
इसका श्रेय अधिक साक्षरता दर के साथ ही उस क्षेत्र में आम तौर पर महिला सशक्तिकरण को दिया जा सकता है।
शीएटवर्क की संस्थापक रूबी सिन्हा का कहना है कि देश में वर्षों से केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ ही स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा महिला उद्यमशीलता को बढ़ावा दिये जाने के लिए काफी प्रयास किये जाने के बावजूद महिला उद्यमशीलता को लेकर जागरूकता और प्रोत्साहन में अब भी काफी कमी है।
उन्होंने कहा कि महिला उद्यमशीलता किस स्थिति में है और मौजूदा व्यवस्था और महिला उद्यमियों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का कैसे बेहतर उपयोग किया जा सकता है एवं अधिक से अधिक महिलाएं अपना खुद का उद्यम शुरू किस तरह कर रहीं हैं, इसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए यह सर्वेक्षण किया गया है।