अजमेर। राजस्थान के अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में चांद दिखने की पुष्टि नहीं होने के बावजूद जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी एक दिसम्बर को मनाई जाएगी।
ख्वाजा साहब की दरगाह कमेटी के अधीन काम करने वाली हिलाल कमेटी के मुखिया शहर काजी मुहम्मद तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने बताया कि सोमवार को इस्लामिक कलैंडर के अनुसार 29 तारीख होने से इसी के अनुरूप हिलाल कमेटी ने बैठक आयोजित की गई, जिसमें चांद दिखाई देने की पुष्टि नहीं की गई। इसके बाद मुस्लिम कलेंडर को आधार मानते हुए जश्ने मिलादुन्नबी एक दिसंबर को मनाने की घोषणा कर दी गई तथा पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिन को जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी के रूप में मनाया जाएगा।
इसकी घोषणा के बाद ख्वाजा साहब की दरगाह में कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस मौके पर दरगाह शरीफ में अनेक कार्यक्रम होंगे। खादिमों की संस्था अंजुमन की ओर से दरगाह को विशेष रोशनी से सजाया जा रहा है। उधर ख्वाजा गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी के अध्यक्ष शेख जुल्फीकार चिश्ती के संयोजन में दरगाह के समीप ढाई दिन के झोपड़े की ओर से हर वर्ष निकलने वाले जुलूस की तैयारियां भी प्रारंभ कर दी गई है।
- Devendra
- 21/11/2017
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