नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि नागरिकों को संविधान के तहत प्राप्त मूलभूत अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने संविधान दिवस के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने व्यवस्थापिका और कार्यपालिका के कामों में न्यायपालिका के हस्तक्षेप को मानने से इंकार करते हुए कहा कि संवैधानिक घर्म सर्वोपरि है और सभी इसका अनुसरण किया जाना चाहिए।
नागरिकों के अधिकार और सरकार के कर्तव्य के बीच संतुलन बनाये रखने पर बल देते हुए उन्होंने कहा, “ नागरिकों के मूलभूत अधिकारों को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता।”
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि न्यायपालिका को लंबित मामलों को कम करने और तुच्छ मुकदमेबाजी को खारिज करने तथा मामलों के निराकरण के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली पर बल देना चाहिये।
- Devendra
- 27/11/2017
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