बिजयनगर। नहीं, इन धर्मावलम्बियों को किसी चिकित्सक ने मिठाई खाने से परहेज करने की सलाह नहीं दी है। बस, यह धर्म के प्रति अनुराग है कि इन धर्मावलम्बियों ने संकल्प ले लिया कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने तक मिठाई का सेवन नहीं करेंगे। यह धर्म के प्रति समर्पण और मुनि-आचार्यों का आशीर्वाद ही था कि ये सभी धर्मावलम्बियों ने 11 नवम्बर 2011 को लिया गया संकल्प 12 मार्च 2018 को पूरा होने जा रहे हैं। नाकोड़ा पाश्र्वनाथ भैरव मंदिर ट्रस्ट (बिजयनगर) के अध्यक्ष योगेन्द्रराज सिंघवी ने पहली बार खारीतट संदेश के साथ उस राज और संकल्प को साझा किया।
दरअसल, श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ भैरव मंदिर जो बिजयनगर के राजदरबार कॉलोनी में बनने जा रहा है, इसके बनने का सपना हम सभी ने देखा और उस सपने को पूरे करने के लिए अधिकतर सदस्य पिछले 6 वर्षों से मिठाई का त्याग किए हुए हैं, जो आगामी 12 मार्च को प्रतिष्ठा महोत्सव में मिठाई का सेवन करेंगे। मंदिर बनाने के पीछे एक ही सपना रहा कि जिस तरह मेवा नगरी में नाकोड़ाजी के दर्शन के लिए लाखों भक्त जाते हैं, उसी प्रकार हमारे बिजयनगर के इस मंदिर से भी लोगों की आस्था जुड़े। मैं जितना भी व्यापार करता हूं उसमें नाकोड़ाजी की पूरी भागीदारी है। सिंघवी ने पूरे विनम्रभाव से कहा, आज जो मेरे पास है, वह सब कुछ नाकोड़ाजी की ही देन है।
सिंघवी के साथ यह भी है संकल्परत
पवन बोरदिया, रूपचन्द नाबेड़ा, विमल धम्माणी, जितेन्द्र मुणोत, अरिवन्द लोढ़ा, जितेन्द्र छाजेड़, निहालचन्द नाबेड़ा, ललिता नाबेड़ा, सुनिता नाबेड़ा सहित श्री नाकोड़ा भैरव पूर्णिमा मंडल के सदस्य ने भी नाकोड़ा पाश्र्वनाथ भैरव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने तक मिठाई त्याग का संकल्प लिया हुआ है।