जयपुर। राजस्थान में पिछले दिनों आन्दोलन में शामिल बारह डॉक्टरों के तबादले करने से सरकार और डॉक्टरों के बीच एक बार फिर ठन गई है।
राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की कोर कमेटी की आज जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर में जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में हुई बैठक के बाद सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। उधर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने चेतावनी दी है कि सरकार किसी भी तरीके से डॉक्टरों के दबाव में नहीं आएगी और फिर आन्दोलन करने पर सख्ती के साथ निपटेगी। उन्होंने कहा मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
चिकित्सक संघ का कहना है कि वे अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर अब चिकित्सा मंत्री से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे और सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगें रखेंगे। डॉक्टरों की मांगों में सरकार के साथ हुए समझौते का पालन करने, आरएएस अधिकारी को हटाने, डॉक्टरों के तबादले निरस्त करने, हड़ताल के दौरान ली छुटि्टयों को समायोजन करने की मांग शामिल है।
गत 12 नवम्बर को डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार के साथ समझौते के सोलह दिन बाद 28 नवम्बर को सरकार ने राजस्थान सेवारत चिकित्सक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी सहित बारह डॉक्टरों के तबादले कर दिए। इसके विरोध में डॉक्टरों ने बुधवार से दो घंटे कार्य का बहिष्कार अभियान छेड़ दिया।
गुरुवार को प्रदेश भर में सेवारत चिकित्सकों ने दो घंटे कार्य का बहिष्कार किया। जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के बाहर डॉक्टरों ने ओपीडी लगाकर रोगियों की जांच की। कोर कमेटी ने अब दो घंटे कार्य बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया है लेकिन कल से सभी डॉक्टर मरीजों को परेशानी से बचाने के लिए अस्पताल के बाहर ओपीडी लगाकर मरीजों की जांच करेंगे। कोर कमेटी की कल फिर बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।