झुंझुनू। राजस्थान के झुंझुनूं में अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश चिड़ावा प्रेमप्रकाश गुप्ता ने कल धींधवा बिचला के महेंद्र की हत्या के पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
चौदह वर्ष पहले हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड में पिलानी थाने के हिस्ट्रीशीटर आरोपी शेरसिंह उसके भाई विजेंद्र को पेशी पर हाजिर नहीं होने के कारण फरार घोषित किया गया। उम्रकैद की सजा पाने वालों में शेरसिंह की मां चावली देवी, छोटे भाई विजेंद्र की पत्नी राजकौर, बागपुरा तन मंड्रेला का महेंद्र कटेवा, पिलानी निवासी प्यारेलाल नायक और शेखर नायक है। मामले के तीन अन्य आरोपियों खूबा की ढाणी तन तिगियास के देवकरण, बिलावल हरियाणा के गितेश और धींधवा बिचला निवासी सुलोचना की मुकदमे के दौरान मौत हो गई, जबकि अन्य आरोपी घटना के वक्त नाबालिग होने के कारण उसका मामला बाल न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
धींधवा बिचला तन पिलानी के भगवानराम के पुत्र महेंद्र की हत्या के मामले में उसके चाचा रामस्वरूप की ओर से 23 मई 2003 को पिलानी थाने में रिपोर्ट दी गई। आरोप लगाया गया कि उसके भाई भगवानाराम से हिस्ट्रीशीटर शेरसिंह की पुरानी रंजिश थी। तीन वर्ष पहले की गई मारपीट का मुकदमा करने के कारण वह जान से मारने की धमकियां दे रहा था। घटना वाले दिन शाम को सभी आरोपी लाठियां-सरिए लेकर उनके घर गए और भगवानाराम, उसकी पत्नी कश्मीरी देवी पुत्र महेंद्र को मारा-पीटा। इसके बाद महेंद्र और उसके पिता को गाड़ी में डाल कर गांव में मंदिर के चौक पर ले गए, वहां भी मारपीट की गई। परिवार के लोग छुड़ाने गए तो उन्हें तलवार और पिस्तोल दिखा कर डराया गया। बाद में महेन्द्र की मौत हो गई थी।