जयपुर। कीर्ति चक्र अवॉर्ड प्राप्त सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन चीता का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना हास्यासपद एवं गलत है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह सही है। सीमा और जिंदगी की जंग जीतने के बाद चेतन चीता शक्रवार को अपने गृह नगर कोटा पहुंचे तो यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उनका स्वागत किया। कोटा पहुंचने पर चेतन चीता ने मीडिया से बातचीत में सर्जिकल स्ट्राइक को सही ठहराते हुए कहा कि वर्ष 2001 में भी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। उस समय सर्जिकल स्ट्राइक की अनुमति नहीं मिलने के कारण कमांडेंट और सैनिकों को निराशा हुई थी।
उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ में कश्मीर में तैनात चेतन चीता इसी वर्ष 14 फरवरी की रात साढ़े तीन बजे अपनी टीम को लीड़ करते हुए आतंकियों को पकडऩे निकले थे। कश्मीर की बांदीपुरा घाटी में हुई मुठभेड़ में उनकी टीम ने तीन आतंकियों को मार गिराया। वहीं आतंकियों की तरफ से चलाई गई 30 गोलिया चेतन चिता केशरीर को लगी थी। इसके बावजूद चेतन चीता ने आतंकियों से लड़ते हुए 16 राउंड फायर किए थे। मुठभेड़ में एक गोली चेतन चीता के सिर में लगी, तो सिर की हड्डी को चीकर दाई आंख से निकलते हुए गाल को फाड़कर निकल गई। इस गोली से ब्रेन के एक हिस्से को चोट पहुंची। उनके दोनों हाथों, पैर और कमर में भी गोलियां लगी।
इसके बाद उन्हे एयर लिफ्ट करके दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल लाया गया। लम्बे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद शुक्रवार को चेतन अपनी पत्नी के साथ कोटा पहुंचे तो यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों ने रेलवे स्टेशन पर उनका स्वागत किया । भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर रक्तदान शिविर आयोजित किया।