जयपुर। भले ही अयोध्या विवाद पर अभी तक सुप्रीम कोर्ट को कोई फैसला नहीं आया है लेकिन विश्व हिंदू परिषद मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से पत्थर मंगा रहा है। इसके साथ ही इन पत्थरों को तरासा भी जा रहा है। राजस्थान के पत्थरों से ही लाल किला, बुलंद दरवाजा सहित देश के अनेकों किलों का निर्माण इन्हीं पत्थरों से हुआ है।
दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गतिविधियां तेज हो गई हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की खेप अयोध्या पहुंच रही हैं। निर्माण कार्य के लिए राजस्थान के भरतपुर में स्थित बंशी पहाड़पुर से सैंड स्टोन राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या मंगाए जा रहे हैं। यह पत्थर विश्व हिन्दू परिषद की देखरेख में अयोध्या पहुंच रहे हैं।
ये हैं विशेषताएं
भरतपुर में स्थित बंशी पहाड़पुर का पत्थर गुलाबी रंग का होता है और पानी में रहने के साथ यह पत्थर ज्यादा मजबूत, टिकाऊ और सुंदर होता जाता है। लाल किला, बुलंद दरवाजा सहित देश के अनेकों किलों का निर्माण इसी पत्थर से हुआ था जो हजारों वर्षों से ऐसे ही खड़े हैं। इन पत्थरों का रंग भी नहीं बदलता है और बारिश के पानी से इनमें और ज्यादा निखार आता है।
भरतपुर गए थे विहिप के महामंत्री
उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय भरतपुर गए थे और उन्होंने बंशी पहाड़पुर के पत्थर व्यापारियों से बात कर पत्थर को अयोध्या भेजने का ऑर्डर दिया।
हर माह 25 टन पत्थर जाएगा
ऑर्डर के मुताबिक करीब 1350 टन सैंड स्टोन पत्थर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पहुंचना है, इसलिए प्रतिमाह एक ट्रॉला पत्थर अयोध्या के लिए भेजा जायेगा।
बता दें कि 2005 में अयोध्या में राम मंदिर के लिए बाहर से पत्थर लाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। तब भी राजस्थान के सिरोही जिले के पिंडवारा से तराशे गए पत्थर भेजे गए थे।