नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच डोकलाम बॉर्डर पर तनाव करीब डेढ़ साल से चल रहा है। अभी पहले जैसा टकराव नहीं है, लेकिन सब कुछ ठीक भी नहीं हुआ है। यहां अभी भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 1800 जवान तैनात हैं। इस वजह से पहली बार भारतीय सेना सर्दियों में भी गश्त जारी रखेगी। सेना ने भी ऑपरेशन अलर्ट को आगे बढ़ा दिया है, ताकि चीन की किसी भी हरकत का जवाब दिया जा सके।
आमतौर पर सर्दियों में डोकलाम के दूसरी ओर यातुंग इलाके में चीनी सेना की गश्त खत्म होने के बाद अक्टूबर-नवंबर में भारतीय सेना भी ऑपरेशन अलर्ट खत्म कर देती थी। लेकिन चीन के सैनिकों की मौजूदगी की वजह से अब ऐसा नहीं कर पा रही है।
डोकलाम के विवादित जगह से कुछ दूरी पर पीएलए के सैनिक 60 से ज्यादा बैरकों में मौजूद हैं। इससे जाहिर होता है कि चीन के इरादे सर्दियों में भी डटे रहने के हैं। चीनी सैनिकों के लिए प्री-फेब्रिकेटेड बैरक लगाए गए हैं। सामान की सप्लाई के लिए आमू छू के दूसरी ओर दो हेलीपैड भी बनाए गए हैं।
विवादित जगह से 700 मीटर की दूरी पर हैं सैनिक
28 अगस्त को गतिरोध खत्म होने के बाद चीनी सैनिक आमू छू इलाके में लौट गए थे। चीनी सैनिक फिलहाल विवादित इलाके से करीब 700 मीटर दूर हैं, जहां सड़क बनाने के मुद्दे पर गतिरोध शुरू हुआ था। आर्मी के सूत्रों के मुताबिक, गंगटोक स्थित 17 डिवीजन के अलावा 63 ब्रिगेड और 112 ब्रिगेड उस इलाके में मौजूद है। यह पलक झपकते ही वहां पहुंच सकती हैं।
चीनी सैनिकों के पास हैवी ड्यूटी उपकरण नहीं
चीनी सैनिकों के पास सड़क बनाने के हैवी ड्यूटी उपकरण नहीं हैं। संभवत: चीनी सेना ने अपनी जनता को संतुष्ट रखने के लिए सर्दियों में भी यहां रुकने का फैसला किया है। हालांकि, भारतीय सेना के अधिकारी पीएलए की मौजूदगी से चिंतित नहीं हैं, क्योंकि भारत-भूटान-चीन ट्राई जंक्शन के इस इलाके में भारतीय सेना पूरी ताकत के साथ मौजूद है।
क्या था डोकलाम विवाद?
डोकलाम में विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने वहां चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि चीन का दावा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा था। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
डोकलाम पर 72 दिन चला था टकराव
बता दें कि भारतीय-चीन बॉर्डर पर डोकलाम इलाके में दोनों देशों के बीच मिड 16 जून से 28 अगस्त के बीच तक टकराव चला था। हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे। बाद में अगस्त में यह टकराव खत्म हुआ और दोनों देशों में सेनाएं वापस बुलाने पर सहमति बनी।