जयपुर। राजस्थान में सेवारत डॉक्टरों ने एक बार फिर 18 दिसम्बर से बेमियादी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। सरकार और सेवारत डॉक्टरों के बीच तनाव की स्थिति सेवारत डॉक्टर्स संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी सहित 12 डॉक्टरों को चिकित्सा विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद बनी है।
पिछले एक महीने से सेवारत डॉक्टर और सरकार के बीच चल रहे विवाद का खमियाजा प्रदेश के मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। कहीं डॉक्टर कार्य बहिष्कार कर अस्पतालों के बाहर टैंट लगाकर मरीजों को देख रहे हैं तो कहीं ऑपरेशन रद्द करने पड़ रहे हैं।
पिछले महीने 28 नवंबर को सरकार ने आंदाेलन का नेतृत्व करने वाले डॉ. अजय चौधरी सहित 12 डॉक्टरों के तबादले कर दिए थे लेकिन उनमें से दस डॉक्टर अभी तक नई जगह कार्यभार संभालने नहीं गए हैं। इस पर विभाग ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सरकार ने सात दिन में स्पष्टीकरण नहीं देने पर एकतरफा कार्रवाई की चेतावनी दी है, इसी से डॉक्टर भड़के हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा विभाग में तैनात एक आरएएस अधिकारी से विवाद और अपनी मांगों को मनवाने के लिए डॉक्टरों ने पिछले महीने सात दिन तक हड़ताल की थी। हड़ताल समाप्ति पर 12 नवंबर को सरकार के साथ हुए एमओयू की पालना नहीं होने के कारण भी डॉक्टर फिर हड़ताल पर उतारू है। प्रदेश के कार्यरत करीब दस हजार सेवारत डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से अस्पतालों के हालात बिगड़ने की आशंका है।