जयपुर। राजस्थान में अपनी मांगों को लेकर पिछले सात दिन से हड़ताल कर रहे सेवारत चिकित्सकों ने दो दिन में उनकी मांगें नहीं माने जाने पर पच्चीस दिसम्बर से चिकित्सा महाबंद की चेतावनी दी हैं।
राज्य में सेवारत चिकित्सक संघ की ओर से अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि दो दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो पच्चीस दिसम्बर से चिकित्सा महाबंद किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अपने हक के लिए लड़ रहे डॉक्टरों के खिलाफ सरकार प्रतिशोधात्मक और दमनकारी कार्रवाई कर रही है जिससे डॉक्टरों में भय व्याप्त है।
उन्होंने दावा किया कि सरकार यदि डॉक्टरों के साथ हुए समझौते की सभी मांगें मानने को तैयार हो तो डॉक्टर हड़ताल से काम पर लौटने के लिए तैयार हैं। उनकी मांगों में स्थानांतरित किए गए सभी डॉक्टरों के तबादले रद्द करने, आंदोलनरत डॉक्टरों पर किए गए मुकदमे एवं विभागीय कार्रवाई को वापस लेने, राज्य के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थान एकल पारी में संचालित करने के आदेश करने और दमनात्मक कार्रवाई बंद करने आदि शामिल है।
अधिवक्ता द्वारा संघ की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज से देश भर के 27 राज्यों में भी डॉक्टरों ने राजस्थान के आंदोलन के समर्थन में काली पट्टी बांधकर विरोध करना शुरू कर दिया है।
संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह ओला ने कहा कि चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कल जो सरकार का पक्ष रखा उससे डॉक्टरों के प्रति कई भ्रांतियां पैदा हो रही है। सरकार फिर से चिकित्सकों के साथ वार्ता कर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात को सुधारने की पहल करे और जनता को राहत प्रदान करे।
चिकित्सकों की हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहने से सरकारी अस्पतालों में हालात खराब हो गये और मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही हैं।