बिजयनगर। कस्बे के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी, कवि, शिक्षाविद् व कट्टर आर्य समाजी कन्हैयालाल व्यास ‘अनंत’ का रविवार मध्य रात्रि को देवलोकगमन हो गया। उनके निधन का समाचार फैलते ही कस्बे में शोक की लहर छा गई एवं उनके आवास पर श्रद्धांजली देने वालों का तांता लग गया।
कवि कन्हैयालाल ‘अनंत’ का जन्म 14 अक्टूबर 1922 को भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा कस्बे में हुआ था तथा शिक्षा पूरी होने के बाद वे शिक्षा विभाग में अध्यापक नियुक्त हुए तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक बनकर सेवानिवृत्त हुए थे। 1942 में महात्मा गांधी के आव्हान पर वे जेल यात्रा पर गये थे।
अपने जीवनकाल में उन्हें राज्य सरकार सहित विभिन्न संगठनों और सिखवाल ब्राह्मण महासभा की ओर से सम्मानित किया गया था।
आर्य समाज के प्रधान कृष्णगोपाल शर्मा ने ‘अनंत’ के निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि कवि ‘अनंत’ अस्वस्थ होने के बावजूद अंतिम समय तक आर्य समाज मंदिर में हर रविवार को होने वाले साप्ताहिक यज्ञ-सत्संग कार्यक्रम में शिरकत करते रहे।
पालिकाध्यक्ष सचिन सांखला ने कहा कि ‘अनंत’ का जीवन शहर के युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणास्पद बना रहेगा।
स्वतंत्रता सेनानी कन्हैयालाल व्यास ‘अनंत’ की अंत्येष्टि सोमवार को पूर्ण राजकीय समान के साथ खारी नदी मोक्ष धाम पर हुई। अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चन्द शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र चौधरी ने तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए।
पुलिस टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ओर्नर दिया। दिवंगत व्यास के पुत्रों कैलाश चंद्र, ज्ञानदेव, सत्यदेव ने मुखाग्नि दी। स्वतन्त्रता सेनानी व्यास की अंतिम यात्रा में एसडीएम सुरेश चावला, पालिकाध्यक्ष सचिन साँखला, उपाध्यक्ष सहदेव सिंह कुशवाह, पूर्व देहात जिलाध्यक्ष भाजपा नवीन शर्मा, मण्डल अध्यक्ष आशीष सांड, पार्षद बृजेश तिवाड़ी सहित नगर के गणमान्य नागरिकों ने शामिल होकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। अंतिम यात्रा में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वतंत्रता सेनानी कन्हैयालाल व्यास ‘अनंत’ को श्रदांजलि दी गई।