गुलाबपुरा।(ललित धनोपिया) संस्कृत भारती चित्तौड़ प्रांत द्वारा गुलाबपुरा स्थित गांधी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में चल रहे संस्कृत संभाषण शिविर के चौथे दिन प्रांत मंत्री राजेंद्र कुमार शर्मा ने सरल संस्कृत विषय पर चर्चासत्र लिया।
चर्चा सत्र में शर्मा ने कहा है कि संस्कृत भाषा बहुत ही सरल भाषा है। काव्य भाषा की अपेक्षा संस्कृत भाषा सरल है, सहज है। थोड़े से अभ्यास के द्वारा ही संस्कृत भाषा को बोलना सीखा जा सकता है। शर्मा ने कहा है कि दुनिया में कोई भी ऐसी भाषा नहीं है जिसके एक शब्द से अनेक क्रिया रूपों का निर्माण हो सकता हो।
देववाणी संस्कृत भाषा ही एक ऐसी भाषा है जिसके एक धातु शब्द के द्वारा 90 क्रिया रूप बनते हैं। संस्कृत में 2000 धातुएं हैं। विश्व का सबसे समृद्ध साहित्य संस्कृत भाषा में ही लिखा गया है। चर्चा सत्र में चर्चा करते हुए श्री शर्मा ने कहा है कि शिविरों के माध्यम से संस्कृत को लोकभाषा, जनभाषा बनाना ही संस्कृत भारती का उद्देश्य हैं।
उन्होंने कहा कि संस्कृतभारती एक विश्वव्यापी वर्धमान युवा संगठन है। इसकी स्थापना 1979 में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए की गई है। संस्कृत भाषा के माध्यम से सामाजिक समरसता द्वारा राष्ट्र उत्थान इसका मुख्य उद्देश्य हैं।
संस्कृत भारती अपने कई प्रकल्पों पर कार्य कर रही है जिनमें संस्कृत संभाषण शिविरों का आयोजन करना, पत्राचार द्वारा संस्कृत, संभाषण संदेश पत्रिका द्वारा भी लोगों को सरल संस्कृत से अवगत कराया जा रहा है। संस्कृत गीतम्, शिक्षक प्रशिक्षण, भाषा बोधन वर्ग, गीत शिक्षण केंद्र आदि के माध्यम से संस्कृत भारती संस्कृत भाषा विकास के लिए कार्य कर रही है।
शिविर में प्रातः 5:15 बजे से जागरण से लेकर के रात्रि में 10:15 बजे शयन तक योग, संभाषण, बौद्धिक, क्रीड़ा, अभ्यास, विविध विधाओं के द्वारा शिक्षार्थियों को संस्कृत भाषा में पारंगत किया जा रहा है। शिविर का संपूर्ण वातावरण संस्कृतमय है जहां प्रत्येक व्यक्ति आपस में संस्कृत भाषा में ही वार्तालाप करता हैं।
शिविर में चित्तौड़ प्रांत के 113 महिला, 113 पुरुष एवं 34 शिक्षक, प्रबंधक को सहित 260 व्यक्ति भाग ले रहे हैं। शिविर में शिविरार्थियों को 5 गणों में विभाजित किया गया है। वाल्मीकि गण, वेदव्यास गण, कालिदास गण, माघ गण, ध्रुव गण में विभाजित शिविरार्थियों को कोटा, बारा, बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद जिलों से आए हुए शिक्षक संस्कृत में पारंगत कर रहे हैं।
सप्त दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर में रात्रि में प्रतिभा प्रकटीकरण कार्यक्रम में प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है। जिसमें प्रतिभागी संस्कृत में नाटक, गीत, काव्य इत्यादि की प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर रहे हैं। शिविर में चित्तौड़ प्रान्त संगठन मंत्री देवेन्द्र पण्ड्या का मार्गदर्शन मिल रहा है।