जयपुर। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर राजपूत करणी सेना की नाराजगी अभी भी खत्म नहीं हुई है। राजपूत करणी सेना और जौहर स्मृति संस्थान ने सेंसर बोर्ड के समीक्षा पैनल को भंग कर नया पैनल बनाने की मांग की है। राजपूत संगठनों ने रिव्यू पैनल में मेवाड़ राजघराने के पूर्व महाराजा महेन्द्र सिंह अथवा उनके बेटे विश्वराज सिंह को शामिल करने की मांग की है। करणी सेना ने धमकी देते हुए कहा कि जिस भी सिनेमाघर में फिल्म दिखाई जाएगी, वहां तोड़फोड़ होगी। करणी सेना के कार्यकर्ता फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।
राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि फिल्म का रिव्यू कमेटी ने ही विरोध किया था, लेकिन सेंसर बोर्ड ने अंडरवर्ल्ड के दबाव में इस फिल्म को मंजूरी दे दी। राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी का कहना है कि फिल्म को देखने वाला इतिहासकारों का पैनल उनके सम्पर्क में है। कालवी का दावा है कि फिल्म देखने के बाद पैनल ने सेंसर बोर्ड को साफ कहा कि ये फिल्म रिलीज नहीं हो सकती है। इसमें बहुत खामियां है।
कालवी ने कहा कि फिल्म के नाम एवं घूमर गाने में बदलाव की बात सुनी है, लेकिन गाने में बदलाव नहीं, बल्कि गाने पर ही बैन होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि विवाद बढ़ने पर फिल्म सेंसर बोर्ड ने फिल्म देखने के लिए एक पैनल गठित किया था। इसमें उदयपुर के पूर्व महाराणा अरविंद सिंह मेवाड़, राजस्थान विश्विघालय के चन्द्रमणि सिंह और प्रो.के.के सिंह को शामिल किया गया था। लेकिन, राजपूत समाज के कुछ लोगों को इस पैनल पर आपत्ति है। वे नया पैनल बनाने की मांग कर रहे हैं।