नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सामाजिक संगठनों तथा संत समाज से देश को आंतरिक कमजोरियों से मुक्त करने में योगदान देने की अपील की है।
मोदी ने रविवार को केरल स्थित शिवगिरी मठ के एक कार्यक्रम को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में उस समय के समाज सुधारकों-धर्मगुरूओं का बहुत बड़ा योगदान था। अलग-अलग जातियों और वर्ग में बंटा हुआ समाज अंग्रेजों का मुकाबला नहीं कर सकता था। इस कमजोरी को दूर करने के लिए उस दौर में देश के अलग-अलग हिस्सों में जातिवाद के खिलाफ बड़े व्यापक आंदोलन चले। उन आंदोलनों, उन सुधार कार्यक्रमों का भाव था कि देश को आगे बढ़ाना है, गुलामी की जंजीर तोड़नी है तो अपनी आंतरिक कमजोरियों से मुक्ति पानी ही होगी।
उन्होंने कहा कि इन आंदोलनों की कमान संभालने वालों ने देश के सामान्य जन को बराबरी का मान दिया, सम्मान दिया। उन्होंने देश की आवश्यकता को समझते हुए अपनी आध्यात्मिक यात्रा को राष्ट्र निर्माण से जोड़ा। जब लोगों ने जाति से ऊपर उठकर सोचना शुरू किया, तो देश उठ खड़ा हुआ। भारत के एकजुट लोगों ने अंग्रेजों को खदेड़कर दम लिया।
मोदी ने कहा कि आज देश के सामने एक बार फिर वैसा ही समय आया है। लोग देश को अपनी आंतरिक कमजोरियों से मुक्त देखना चाहते हैं। सामाजिक संगठनों तथा संत समाज का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा , “ आप जैसे हजारों संगठन, संस्थाएं इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। सिर्फ जातिवाद ही नहीं, जितनी भी बुराइयां देश को नुकसान पहुंचा रही हैं, उन्हें दूर करने में, उनके प्रति लोगों को जागृत करने में आपका योगदान और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
15 अगस्त 1947 को हमने गुलामी की जंजीरें भले तोड़ दी थीं, लेकिन उन जंजीरों के निशान हमारी सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था पर अब भी पड़े हुए हैं। इन निशानों से मुक्ति आपके सहयोग से ही हो सकेगी।”
महिला सशक्तीकरण के लिए अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई, राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद विद्यासागर और दयानंद सरस्वती जैसे महान लोगों ने नारी गौरव-नारी सम्मान के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। आज उनकी आत्मा इस बात से प्रसन्न होगी कि देश में महिला अधिकार के लिए कितना बड़ा कदम उठाया गया है।
तीन तलाक को लेकर जिस तरह मुस्लिम बहनों-माताओं ने लंबे समय तक कष्ट उठाया है, वो किसी से छिपा नहीं है। सालों की लंबी लड़ाई के बाद अब उन्हें तीन तलाक से मुक्ति पाने का रास्ता मिला है।
उन्होंने कहा कि 2018 में यह यात्रा और तेज होगी। कालेधन-भ्रष्टाचार से लेकर बेनामी संपत्ति पर कड़ी कार्रवाई से लेकर, आतंकवाद और जातिवाद के खिलाफ काम करते हुए सुधार, काम और बदलाव के मंत्र पर चलते हुए, सबके साथ से, सबका विकास करते हुए, 2018 में हम देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी नारायण गुरु ने जातिवाद, ऊंच-नीच, संप्रदायवाद के खिलाफ समाज को जगाया, समाज को एक किया। समाज में सुधार के लिए, दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों को सशक्त करने के लिए उन्होंने शिक्षा का रास्ता सुझाया था। चमत्कार और ढकोसलों से दूर उन्होंने मंदिरों में सच्चाई, स्वच्छता की बात कही। उन्होंने हर ऐसी पूजा पद्धति को सुधारा जो मंदिर में अस्वच्छता बढ़ाते थे। पूजा-पद्धतियों में जो गैर-जरूरी चीजें शामिल हो गई थीं, उन्हें हटाकर श्री नारायण गुरु ने नई व्यवस्था का रास्ता दिखाया। उन्होंने मंदिरों में पूजा पर हर किसी का अधिकार कायम किया।