
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के बारे में आज राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपनी सिफारिश भेज दी है, माना जा रहा है कि उसने इन सभी विधायकों को विधान सभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया है।
आयोग ने अपनी सिफारिश के बारे में कुछ भी कहने से इन्कार किया है लेकिन सूत्रों के अनुसार उसने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है।
आप के विधायकों का लाभ के पद से जुड़ा यह मामला मार्च 2015 का है जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था। इसे लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने विरोध जताया था। केजरीवाल के इस फैसले के खिलाफ वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए।
इस बीच दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति को उचित ठहराने के लिए ‘दिल्ली असेंबली (रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन) एक्ट-1997’ में संशोधन से संबंधित विधेयक विधानसभा में पारित किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करना था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे नामंजूर कर दिया था।