
बिजयनगर। स्थानीय आर्य समाज भवन में रविवार को 21 कुण्डीय यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में सभी जातियों के जोड़ों ने विधिवत रुप से हवन में आहूतियां दी। यज्ञ कार्यक्रम के पश्चात कार्यक्रम में आमंत्रित विद्वानों ने भजनोपदेश दिए जिसमें सत्य से सम्बंधित विचारों को अपनाने एवं असत्य विचारों को छोडऩे के बारे में बताया गया। विद्वानों ने बताया कि अज्ञान ही हमारे बुरे विचारों को लाता है जो हमें आपस में एक-दूसरे से दूर करता है, भेदभाव पैदा करता है, हमारे परिवारों को, समाज को, राष्ट्रभाव को तोड़ता है। वक्ताओं ने बताया कि हम एक ही परमात्मा की संतान होते हुए भी आज हम एक दूसरे के विचारों से घृणा नफरत करते है।
जबकि परमात्मा ने विश्व की सम्पूर्ण मानव जाति व जीव जगत के लिए सत्य के मार्ग पर चलने का सन्देश दिया। परमात्मा के विचारों को अपना कर हमारे महापुरूषों ने अपना जीवन सफल बनाया। आज भी हम उन महापुरुषों को याद करते है। हमें भी परमात्मा के बनाए नियम पर चल कर अपने जीवन में लाकर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए और महापुरूषों की श्रेणी में आने का प्रयत्न करना चाहिए। जब एक रस्सी पत्थर को घिस सकती है तो हम क्यों नहीं महापुरूष बन सकते है। यज्ञ में बैठे जोड़ों ने सफलतम जीवन निर्माण का संकल्प लिया। कार्यक्रम में भवदेव शास्त्री, ओम मुनि, आर्य समाज जयपुर के प्रधान किशन गहलोत, बिजयनगर, शाहपुरा, भीलवाड़ा, फूलिया कला, चापानेरी, गुलाबपुरा सहित आसपास के आर्यसमाजी कार्यक्रम में मौजूद रहे।