
नई दिल्ली। निर्माण के समय से ही विवादों में रही संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ करणी सेना और हिंदू सेना समेत कई संगठनों के तमाम विरोधों के बावजूद आज देश-विदेश में रिलीज हो गयी तथा इसे देखने के लिए दर्शकों की भारी उमड़ी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाणपत्र मिलने और सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रदर्शन की मंजूरी के बाद पद्मावत रिलीज तो कर दी गयी लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं गोवा में फिल्म का प्रदर्शन नहीं हो सका।
दिल्ली पुलिस ने इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन की धमकी के मद्देनजर हिंदू संगठन के प्रमुख विष्णु गुप्ता को आज एहतियातन हिरासत में ले लिया। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त चिन्मय विश्वाल ने श्री गुप्ता को हिरासत में लेने की पुष्टि नहीं की लेकिन यह जरूर कहा कि सरिता विहार थाने की पुलिस ने विष्णु गुप्ता को पूछताछ के लिए बुलाया है।
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला और एक अन्य याचिकाकर्ता ने आज उच्चतम न्यायालय में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर करके चार राज्य सरकारों- राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र तथा करणी सेना के पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना का मुकदमा शुरू करने का न्यायालय से अनुरोध किया है। उच्चतम न्यायालय इन याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी इस फिल्म के विरोध में खुलकर सामने आ गये हैं। जनरल सिंह ने कहा कि जब चीजें सहमति से नहीं होती है तो वहां गड़बड़ी होती है। उन्होंने कहा “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता इतिहास को तोड़फोड़ करने की इजाजत नहीं देती है।
जो विरोध कर रहे हैं उनके साथ बैठकर इसको सुलझाया जाए। जब चीजें सहमति से नहीं होती हैं तो फिर उसमें गड़बड़ होती है।’” कांग्रेस नेता ने भी फिल्म का यह कहते हुए विरोध किया है कि तथ्यों से परे इतिहास को नहीं दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा किसी भी धर्म और जाति तथा ऐतिहासिक तथ्य से हटकर फिल्में नहीं बननी चाहिए। अगर इससे किसी जाति या धर्म को ठेस पहुंचती है तो वैसी फिल्में नहीं बननी चाहिए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस फिल्म को देखने के इच्छुक हैं। उन्होंने कुछ राजपूत नेताओं के साथ इसे देखने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं राजपूत समुदाय से हैं। फिल्म को लेकर जो लोग जो हिंसा कर रहे हैं, उससे राजपूत समुदाय की बदनामी हो रही है। दिल्ली का शिक्षा मंत्री होने के नाते उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा का आश्वासन दें। उन्होंने कहा कि जो लोग फिल्म के नाम पर हिंसा कर रहे हैं, वे राजपूत समुदाय के नहीं हैं।